दिग्विजय सिंह के पोते सहस्त्रजय सिंह ने दी स्पीच गुना।राघोगढ़ राजपरिवार (हिंदूपथ नरेश) की चौथी पीढ़ी ने राजनीति में पदार्पण कर दिया है. दिग्विजय सिंह के पोते सहस्त्रजय सिंह ने केवटराज जयंती के धार्मिक आयोजन के दौरान माइक पर पहला भाषण दिया. कांग्रेसी विधायक जयवर्द्धन सिंह के पुत्र सहस्त्रजय सिंह ने महज 6 वर्ष की उम्र में माइक पर भाषण दिया तो लोगों ने उनकी जमकर तारीफ की.
तालियों से स्वागत: राघोगढ़ राजपरिवार को हिंदूपथ का टाइटल मिला हुआ है. दिग्विजय के परिवार की चौथी पीढ़ी भी अब राजनीति में सक्रिय हो गई है. दिग्गी राजा के पोते सहस्त्रजय सिंह ने केवटराज जयंती के अवसर पर हाथ में माइक थामकर बडे़ ही मासूमियत भरे अंदाज में भाषण दिया. सहस्त्रजय सिंह ने कहा "मैं दाता के साथ आया हूँ, स्पीच देने आया हूं.'' सहस्त्रजय के इतना बोलते ही तालियों की गड़गड़ाहट से स्वागत किया गया. कई लोगों ने सहस्त्रजय की तस्वीरें और भाषण अपने मोबाइल में कैद कर लिया. जिस वक्त सहस्त्रजय सिंह भाषण दे रहे थे उस वक्त पिता जयवर्द्धन सिंह उन्हें एकटक निहार रहे थे.
गांव जाना है प्रोग्राम फिक्स करो:जयवर्द्धन सिंह ने बताया कि सहस्त्रजय ने इच्छा जताई कि उन्हें गांव जाना है भाषण देने. तो मैंने पूछा आपका भाषण सुनने कौन आएगा. सहस्त्रजय ने पिता जयवर्द्धन से कहा कि प्रोग्राम आप फिक्स करो. बदले में जयवर्द्धन ने सहस्त्रजय से कहा कि ''भाषण देना है तो शुरुआत घर से करो. इसलिए केवटराज जयंती के अवसर पर अपने परिवार के बीच सहस्त्रजय को लेकर आया हूं.'' जयवर्द्धन ने अपने बेटे को नसीहत देते हुए कहा कि ''ये हमारा परिवार है जो सुख दुख में हमारे साथ खड़ा हुआ है.'' जयवर्द्धन ने कहा कि हमें बचपन में सिखाया गया है कि ''सभी सुखी रहें सभी का विकास हो, यही संस्कार बच्चों में भी आएं.''
कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री से मुलाकात कर चुके हैं सहस्त्रजय सिंह हनुमान जी के भक्त हैं सहस्त्रजय: जयवर्द्धन सिंह ने बताया कि हाल ही में 10 मई को पंडित धीरेंद्र शास्त्री राघोगढ़ किले पर पधारे थे. सहस्त्रजय को पंडित जी का सानिध्य मिला और उसने काफी देर तक शास्त्री जी से चर्चा की. राघोगढ़ किले में चारों ओर हनुमान जी विराजे हैं. सहस्त्रजय भी हनुमान जी का भक्त है और हनुमान चालीसा पढ़ता है. धार्मिक और पारंपरिक कार्यों में सहस्त्रजय कई विशेष रुचि रहती है. 6 साल के सहस्त्रजय अपने पिता जयवर्द्धन सिंह के साथ पारंपरिक वेशभूषा में केवटराज जयंती मनाने पहुंचे थे. सहस्त्रजय सिंह ने भाषण देने के बाद बागेश्वर धाम की जय के नारे लगाए,जय श्री राम के नारे लगाए.