इंदौर। दुर्लभ खुरासानी इमली के पेड़ों की कटाई का मामला सोशल मीडिया पर चर्चा में आया है. ETV भारत ने जब इस मामले की पड़ताल की पता चला कि इन पेड़ों की शिफ्टिंग तेलंगाना के रंगारेड्डी जिला स्थित यूनिक ट्री नामक नर्सरी चलाने वाले वीवी रामाडुगु द्वारा कराई जा रही है. इतना ही नहीं डेढ़ साल पहले इसी नर्सरी ने दावा किया था कि हैदराबाद में विकसित किए जाने वाले बॉटनिकल गार्डन में ये पेड़ लगाए जाएंगे, लेकिन उक्त नर्सरी व्यावसायिक और रेजिडेंशियल लैंडस्कैपिंग के क्षेत्र में सक्रिय पाई गई है.
8 पेड़ काटने की अनुमति दी :नर्सरी संचालकों द्वारा करीब डेढ़ साल पहले स्थानीय स्तर पर मांडव एसडीओ(वन) के जरिए मांडव में निजी भूमि पर लगे 8 पेड़ों को काटने की अनुमति प्राप्त की गई थी. ग्रामीणों का आरोप है कि इस एजेंसी ने 8 पेड़ के स्थान पर 14 पेड़ यहां से काटकर अथवा उखाड़कर हैदराबाद स्थित नर्सरी में शिफ्ट किए. इस बार फिर इसी नर्सरी के संचालक को वन विभाग के एसडीओ ने पेड़ काट कर ले जाने की अनुमति जारी की है. चौंकाने वाली बात यह है कि वन विभाग के ट्रांजिट परमिशन पर सिर्फ मांडव ही नहीं पास के गांव जीरापुरा, धर्मपुरी और धार से लगे कुछ इलाकों के पेड़ पहले ही उखाड़ कर चोरी छुपे ले जाए गए हैं.
जिला प्रशासन को नहीं दी जानकारी :अब फिर मांडव में क्रेन पोकलेन मशीन और बड़े ट्राले के जरिए पेड़ों को उखाड़कर हैदराबाद भेजा जा रहा है. वन विभाग ने अनुमति की जानकारी जिला प्रशासन को नहीं दी. मांडव में जब पेड़ काटने लगे तो ग्रामीणों ने आपत्ति की. इसके बाद यह मामला जिला प्रशासन के संज्ञान में आया. लिहाजा, धार कलेक्टर के निर्देश पर एसडीएम रोशनी पाटीदार ने मामले की पड़ताल की तो पेड़ कटाई प्रथम दृष्टया संदिग्ध पाई गई. उन्होंने मांडव में खुरासानी इमली के पेड़ की कटाई पर रोक लगाते हुए पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं.