बैतूल।छतरपुर जिले में पदस्थ डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे हाल ही में अपने पद से इस्तीफा देने के बाद से सुर्खियों में हैं. इस बीच रविवार 25 जून को उन्होंने अपने बैतूल आवास पर बिना परमिशन के गृह प्रवेश किया है. दरअसल, बता दें कि निशा बांगरे ने अपने नए घर में गृह प्रवेश के लिए छुट्टी मांगी थी, जिसके नहीं मिलने पर उन्होंने पद से इस्तीफा दिया था. वहीं इस गृह प्रवेश के साथ ही अंतरराष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन का आयोजन हुआ. आमला ब्लॉक मुख्यालय पर गगन मलिक फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित सर्व धर्म शांति सम्मेलन का जोरदार तरीके से निशा बांगरे के नवनिर्मित आवास पर आगाज हुआ. इस दौरान श्रीलंका के न्याय मंत्री सहित कई विदेशी मेहमान भी बड़ी संख्या में पहुंचे. कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगान से किया गया. फिलहाल उनका इस्तीफा मंजूर अभी तक नहीं हुआ है.
बिना अनुमति के किया गृह प्रवेश: इस कार्यक्रम में श्रीलंका के न्याय मंत्री विजयादासा राजपक्षे ने अमर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए. अतिथि स्वागत के बाद फिल्म अभिनेता और गगन मलिक फाउंडेशन के हाथों में तथागत बौद्ध की अस्थियां लेकर डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे के नवनिर्मित मकान पहुंची. उनके साथ श्रीलंका के न्यायमंत्री विजयदासा राजपक्षे भी मौजूद थे. बांगरे के निवास पर अस्थि कलश स्थापित किए गए, इसके साथ ही सर्व धर्म प्रार्थना करने के उपरांत घर का फीता काटकर उद्घाटन किया गया. गाजे-बाजे के बाद उत्सवी माहौल में गृह प्रवेश का आयोजन किया गया. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय सर्व धर्म शांति सम्मेलन में शामिल होने के लिए बुलाए गए श्रीलंका के न्याय मंत्री के साथ 11 देशों के लोगों की इजाजत नहीं ली गई थी. इनके वीजा की जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय को नहीं दी गई. साथ ही कार्यक्रम के आयोजन के लिए SP और कलेक्टर ने अनुमति नहीं दी है, इसके बावजूद आयोजन किया जा रहा है. इसको लेकर अब ये मामला बवाल क्रिएट कर सकता है.
तथागत बौद्ध की अस्थि कलश के किए दर्शन:गृह प्रवेश कार्यक्रम के दौरान गगन मलिक द्वारा तथागत बुद्ध की अस्थियों का कलश स्थापित किया गया. इस कलश के उपस्थित जनसमुदाय ने दर्शन किए. इसके साथ ही अन्य धार्मिक कार्यक्रम भी संपन्न हुए. इस दौरान बड़ी संख्या में जनसमुदाय मौजूद था. कार्यक्रम के दौरान सनातन धर्म से शुरू हुई प्रार्थना के पश्चात सिख धर्म के ज्ञानी ने प्रार्थना की. इसके बाद जैन धर्म, ईसाई धर्म, बोहरा समाज की प्रार्थना की गई. इस दौरान कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी की मंजू दीदी भी मौजूद थीं. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाएं और मांझी सरकार के सैनिक मौजूद थे.