भोपाल : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार को पत्नी साधना सिंह के साथ भगोरिया उत्सव में शामिल होने बड़वानी पहुंचे. इस दौरान प्रदेश के 'मामा' शिवराज पत्नी संग आदिवासियों के साथ पारंपरिक नृत्य करते हुए नजर आए. यहां जनजातीय लोक कला एवं बोली विकास अकादमी, मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद की तरफ से आजादी 75वें अमृत महोत्सव के तहत आयोजित भगोरिया हाट उत्सव में गौंड, बैगा, कोरकू, भील, भारिया जनजातियों के नृत्यों का प्रदर्शन किया गया.
बता दें, प्रदेश के आदिवासी अंचल में आयोजित होने वाला भगोरिया मेला आदिवासी संस्कृति और परंपरा का प्रतीक माना जाता है. भगोरिया के आदिवासी पर्व की शुरुआत दशकों पहले हुई थी. प्राचीन दौर में इसे भगोर कहा जाता था. मेले में आदिवासियों की अलग-अलग टोलियां बांसुरी मांदल और ढोल बजाती नजर आती हैं. इस दौरान आदिवासी लड़कियां भी पारंपरिक वेशभूषा में होती थीं. मेले में तरह-तरह के व्यंजन गुड़ की जलेबी पहन-भजिया ताड़ी आदि की भी खासी मांग होती है.
आदिवासी संस्कृति का अहम पर्व है भगोरिया
मेले में आदिवासी युवतियां पारंपरिक वेशभूषा में आती हैं और नृत्य प्रस्तुत करती हैं. परिवारों की रजामंदी से भगोरिया मेले में आदिवासी युवक और युवतियों के रिश्ते तय होने की परंपरा भी निराली है. इस दौरान युवतियां अपनी पसंद से लड़कों को चुनती हैं. बाद में उनकी शादी होती है.