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हे हनुमान करो कल्याण! विधानसभा चुनाव 2023 जीतने 'शिव' ने ली हनुमान की शरण, छिंदवाड़ा में 'हनुमान लोक' बनाने की घोषणा

मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में बस भगवान की एंट्री का ही इंतजार था, वह भी हो ही गई. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में छिंदवाड़ा जिले में हनुमान लोक की घोषणा कर दी है. लेकिन इस घोषणा को लेकर कांग्रेस बीजेपी पर तंज कसा है. कांग्रेस का कहना है कि, सीएम शिवराज ने 2015 में जो घोषणा की थी उस पर भी कोई काम अब तक नहीं किया गया है. 2015 में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंदिर के जीर्णोद्धार के लिए 20 करोड़ देने का वादा किया था. जिसका मंदिर समिति आज भी इंतजार कर रही है.

Hanuman Lok in Jam Sanwali
जाम सांवली में हनुमान लोक

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Published : Mar 16, 2023, 8:48 PM IST

Updated : Mar 16, 2023, 10:34 PM IST

छिंदवाड़ा में बनेगा हनुमान लोक

छिंदवाड़ा।एमपी की राजनीति में अब बजरंग बली की एंट्री हो गई है. विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मंगलवार के दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो रही थी. इस दौरान सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विश्वप्रसिद्ध चमत्कारिक हनुमान मंदिर जाम सांवली में 'हनुमान लोक' बनाने की घोषणा की है. सीएम ने कहा कि, यह हनुमान लोक उज्जैन के 'महाकाल लोक' की तर्ज पर बनेगा. इसके बाद कांग्रेस नेता सीएम को पुरानी घोषणा याद दिलाने में जुट गए हैं. कांग्रेस का कहना है कि, मंदिर निर्माण के लिए 2015 में सीएम ने 20 करोड़ रुपये की घोषणा की थी, लेकिन अब तक एक रुपए नहीं जारी किए गए हैं. मंदिर का निर्माण कार्य बंद है और कमेटी अभी भी पैसे का इंतजार कर रही है.

सीएम ने दोहरा दी घोषणा:मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 15 अक्टूबर 2015 को जाम सावली मंदिर में पहुंचकर नए मंदिर के निर्माण के लिए शिलान्यास किया था. इस दौरान सीएम ने 20 करोड़ देने का वादा किया था, लेकिन 7 साल बीत जाने के बाद भी मुख्यमंत्री की घोषणा पर कोई असर नहीं पड़ा. राशि ना मिलने के कारण मंदिर का काम अधूरा है. मंदिर समिति के अध्यक्ष ने कई बार जनप्रतिनिधियों से चर्चा की लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला.

मंदिर का निर्माण अधूरा

मंदिर का कार्य अधूरा:जाम सावली में एक बरगद के पेड़ के नीचे हनुमान जी की लेटी हुई प्रतिमा है. यहां पर पहले से एक छोटा मंदिर था, लेकिन अक्टूबर 2015 में सीएम ने भव्य मंदिर निर्माण किए जाने के लिए भूमि पूजन कर दिया. इस दौरान सीएम ने 20 करोड़ राशि देने का वादा कर दिया. बताया गया कि, भूमि पूजन कार्यक्रम में मंदिर समिति के लाखों रुपए भी खर्च हो गए, लेकिन मंदिर समिति को आज-तक एक रुपए नहीं मिले. मंदिर समिति ने अपने खर्चे से मंदिर का निर्माण तो शुरू कराया लेकिन पैसे की कमी होने के कारण अब कार्य अधूरा ही पड़ा है.

सीएम से आस:सीएम के फैसले का स्वागत करते हुइ कांग्रेस ने सवाल भी उठाया है. कांग्रेस का कहना है कि, विधानसभा चुनाव 2023 के नजदीक आने के कारण सीएम एक बार फिर से घोषणा करने में जुट गए हैं. इसी मंदिर के निर्माण के लिए सीएम ने फिर एक बार घोषणा तो कर दी है, लेकिन यह भी कहीं झूठी ना साबित हो जाए. क्योंकि वोट के लिए वे फिर से राजनीतिक हथकंडे अपना रहे हैं. मंदिर समिति के अध्यक्ष का कहना है कि, उन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री ने जिस घोषणा को एक बार फिर से दोहरा दिया है वह इस बार पूरी करेंगे.

कहीं नहीं है ऐसी प्रतिमा:बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में बनाए गए महाकाल लोक की तर्ज पर अब छिंदवाड़ा के जामसांवली मंदिर को भी विकसित किया जाएगा. इसका नाम हनुमान लोक होगा. इसकी घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधानसभा में की है. मंदिर समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि, पूरी दुनिया में जामसांवली में विराजित हनुमान जी की प्रतिमा जैसी प्रतिमा कहीं नहीं है. इसलिए इस मंदिर का नाम विश्व प्रसिद्ध चमत्कारिक श्री हनुमान मंदिर है. कहा जाता है कि, किसी भी प्रकार की बुरी शक्तियों का साया हो या फिर कोई भी असाध्य रोग. भगवान के चरणों में जाने से ही समाप्त हो जाता है.

बरगद के पेड़ के नीचे हनुमान जी

खजाने की रक्षा में भगवान:जामसांवली में एक बरगद के पेड़ के नीचे हनुमान जी की प्रतिमा स्वयंभू प्रकट हुई थी. बताया जाता है कि, श्री हनुमान जी यहां स्वयं विश्राम मुद्रा में विराजित हुए थे. मान्यता है कि, भगवान राम जब वन गमन में थे उस दौरान यहां पर कुछ समय के लिए ठहरे थे. हनुमान जी को इस जगह पर छोड़कर खजाने की रक्षा के लिए बोला था. तब से हनुमान जी यहां पर विश्राम मुद्रा में खजाने की रक्षा कर रहे हैं.

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नाभि से निकलता है जल:विश्राम मुद्रा में लेटे हनुमान जी की नाभि से लगातार जल निकलता रहता है. आज तक किसी को मालूम नहीं चल पाया कि जल कहां से आ रहा है. चाहे भीषण गर्मी हो या फिर कोई भी मौसम जल लगातार निकलता है. यही जल कुंड में एकत्रित होता है. फिर ऐसे लोगों में वितरित किया जाता है. गंभीर बीमारी और बुरी आत्मा के साए से ग्रसित लोग यालि की जो परेशानियों से जूझते हैं वह इस जल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करते हैं. जल ग्रहण करने के बाद सब कुछ ठीक हो जाता है. मान्यता यह भी है कि, जिसके भी शरीर में बुरी आत्माओं का साया होता है अगर वह मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचता है तो वहीं से उसकी बुरी आत्माएं और साया साथ छोड़ देती है. इसलिए यहां पर हर दिन सैकड़ों की संख्या में ऐसे लोग इलाज के लिए पहुंचते हैं.

Last Updated : Mar 16, 2023, 10:34 PM IST

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