भोपाल। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव करीब है, ऐसे में पांचवी बार फिर शिवराज सत्ता पाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. आधी आबादी को साधने के लिए पहले सीएम ने लाडली बहना योजना लॉन्च की, जिसमें लाडली बहनों को एक हजार रुपए देने की घोषणा की. अब सीएम शिवराज उस योजना की मॉनिटरिंग के लिए लाडली बहना सेना बनाने की तैयारी में है. इसके लिए गांव-गांव में महिलाओं की ऐसी फौज तैयार की जा रही है, जो सामाजिक बुराइयों से लड़ सके. साथ ही सरकार की योजनाओं की मॉनिटरिंग कर सरकार को फीडबैक भी दे सके. वहीं शिवराज के इस ऐलान पर प्रदेश में राजनीति शुरु हो गई है.
लाडली सेना बनाने की तैयारी में बीजेपी: लाडली बहना योजना के बाद अब सरकार लाडली बहनों को सेना में तब्दील करने का प्लान बना रही है. इसके लिए प्रदेश की 25 हजार से ज्यादा पंचायतों और शहरी क्षेत्रों में 10 से 20 महिलाओं की टीम बनाई जाएगी. इन महिलाओं को सरकार बकायदा ट्रेनिंग देकर सेना के रूप में तैयार करेगी. सीएम शिवराज के इस ऐलान के बाद प्रदेश में महिला बाल विकास ने इस प्लान पर काम करना शुरू कर दिया है. इसके लिए गांव-गांव में जागरूक और पढ़ी-लिखी महिलाओं की तलाश शुरू हो गई है. शहरी क्षेत्रों में यह काम नगर निगम और महिला बाल विकास और ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायतों के जरिये किया जा रहा है. लाडली बहना योजना में पात्र इन महिलाओं को अब लाडली सेना में तब्दील करने की पूरी तैयारी है.
बीजेपी की योजना पर सियासत: उधर सरकार की इस कवायद पर एमपी में सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी लाडली सेना को महिला सशक्तिकरण का अहम जरिया बता रही है. वहीं कांग्रेस इसे बीजेपी और सरकार का चुनावी स्टंट बता रही है. केके मिश्रा का कहना है कि लाडली बहना योजना हो या फिर कुछ और हो महिलाएं भी समझ चुकी हैं कि ये सिर्फ चुनावी घोषणा है. ये स्कीम सरकार के लिए एनकाउंटर साबित होगी. जब इस स्कीम में पैसे नहीं मिलेंगे तो खुद कार्यकर्ता ही इस योजना का एनकाउंटर कर देंगे.