छिंदवाड़ा। यह देश में पहली बार है कि जब आदिवासी अंचल की लड़कियां एकदम नए किरदार में दिखाई दे रही हैं. छिंदवाड़ा के आदिवासी अंचल तामिया की बेटियां मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम की गाइड बन गई है. मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन योजना में आदिवासी अंचल की बेटियों को स्टोरी टेलर की ट्रेनिंग दी है. अब ये युवतियां गाइड बनकर पातालकोट और तामिया में आने वाले सैलानियों को जानकारी दे रही हैं.
पातालकोट की बेटियों को ट्रेनिंग:मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड ने महिलाओं के लिए सुरक्षित पर्यटन परियोजना के अंतर्गत आदिवासी अंचल तामिया और पातालकोट की बेटियों को स्टोरी टेलर की ट्रेनिंग दी है. ट्रेनिंग लेने वाली युवतियों के कदम आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं. इसके साथ ही पातालकोट और तामिया घूमने आने वाले पर्यटकों को गाइड बनकर युवतियां नई-नई जानकारियां दे रही हैं. युवतियां अब पातालकोट टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर के माध्यम से काम कर रही हैं.
पातालकोट की बेटियों से जानिए पातालकोट की कहानी:तामिया के पातालकोट इलाके में रहने वाली शरद कुमारी, खुशी, जानकी भारती, लक्ष्मी ऊइके, शीतल ऊइके व बबीता सहित स्टोरी टेलर की ट्रेनिंग ले चुकी युवतियां पर्यटकों को राजाखोह की गुफा, तुलतुला पहाड़, तामिया माउंट, पातालकोट के गांव और उनकी जीवनशैली से लोगों को रूबरू करा रही हैं. परिवार सहित घूमने आ रहे पर्यटक महिला गाइड को देखकर खुद को भी सुरक्षित महसूस करते हैं.
15 युवतियां बनी हैं गाइड:पातालकोट टूरिस्ट इंफॉर्मेशन सेंटर से ट्रेनिंग लेकर 15 युवतियां गाइड बनी हैं. स्टोरी टेलर का प्रशिक्षण ले चुकी इन युवतियों ने अब तक 20 से अधिक ग्रुप को ट्रैकिंग आदि करवाकर तामिया पातालकोट घुमाया है, जिससे इनकी आय भी शुरू हुई है. स्टोरी टेलर के रूप में पर्यटक को घुमाने पर इन्हें 2 घंटे में 200 से ₹700 तक मिलते हैं. स्टोरी टेलर शरद कुमारी ने बताया कि ''यह तो केवल शुरुआत है आगे अभी और मंजिले बाकी हैं.''