दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

एमपी के भावसा डैम में पेड़ पर 4 माह से फंसे 50 बंदर, पत्ते-छाल खत्म हुए तो भूख से मरे, केवल 5 बचे

मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले से दिल को झकझोरने वाली खबर सामने आई है. दरअसल, बीते जुलाई माह में बारिश के दौरान भावसा डैम में अचानक पानी बढ़ गया. ऐसे में एक इमली व एक बरगद के पेड़ पर बैठे करीब 50 बंदर फंस गए. बंदरों ने पेड़ के पत्ते व छाल खाकर दिन काटे. लेकिन इस दौरान भूख से बेहाल होकर बंदर एक-एक करके पेड़ से गिरकर जल समाधि लेते गए. अभी इनमें से केवल 5 बंदर बचे हैं.

monkeys Stuck in Bhavsa Dam from 4 months
भावसा डैम में पेड़ पर 4 माह से फंसे 50 बंदर केवल 5 बचे

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 21, 2023, 3:08 PM IST

पेड़ पर 4 माह से फंसे 50 बंदर केवल 5 बचे

बुरहानपुर।जिला मुख्यालय से 30 किमी दूर भावसा गांव में 35 करोड़ की लागत से बनाए गए भावसा डैम के बीच स्थित इमली और बरगद के पेड़ पर 4 महीने से 50 बंदर पानी के बीच फंस रहे. अब तक बंदरों ने पेड़ के पत्ते और फिर छाल खाकर जिंदगी बचाने की जद्दोजहद की. जब पत्तों के बाद छाल भी खत्म हो गई तो भूख से बेहाल होकर बंदर एक के बाद एक पानी में गिरते गए और उनकी मौत का सिलसिला शुरू हो गया. अब यहां मौजूद शेष 5 बंदरों को बचाने के लिए वन विभाग तैयारी कर रहा है.

50 में से केवल 5 ही बंदर जिंदा बचे :ग्रामीणों के मुताबिक दोनों पेड़ों पर 50 बंदर थे. बंदरों की मौत का मामला सामने आने के बाद वन विभाग के रेंजर विक्रम सिंग सुलिया ने बताया कि उन्हें पहले बंदरो की फंसे होने की जानकारी नहीं थी. जब उनके अधीनस्थ कर्मचारियों ने इस बात से अगवत कराया तो उन्होंने पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र से तैराक और रेस्क्यू एक्सपर्ट बुलाए. रेस्क्यू अभियान भी चलाया. लेकिन किसी कारणवश रेस्क्यू ऑपरेशन सफल नहीं हो पाया. इस कारण कारण शेष जीवित बंदरो कों नहीं निकाला जा सका. अब फिर रेस्क्यू चलाकर बंदरों को सुरक्षित निकालने का प्रयास किया जा रहा है.

ये खबरें भी पढ़ें...

ग्रामीण तैरकर देने जाते हैं भोजन :बंदरों की मौत से ग्रामीणों में रोष है. ग्रामीणों का कहना है कि डैम का निर्माण कराने वाले जल संसाधन विभाग और वन्य प्राणियों की रक्षा करने वाले वन विभाग के अफसरों की ये लापरवाही है. जिंदा बंदरों को भावसा गांव और जूनी चौंडी गांव के आधा दर्जन से ज्यादा ग्रामीण जान पर खेल पानी मे तैरकर बंदरों के ठिकानों पर उन्हें भोजन पहुंचा रहे हैं. ग्रामीण रोजाना डैम से तैरते हुए खाना झाड़ पर टांगकर आ जाते हैं. बंदर इसे खाने को खाकर ही संघर्ष कर रहे हैं. बता दें कि झाड़ के चारों ओर 10 से 15 फीट तक पानी है. ग्रामीणों का कहना है कि मछुआरों ने उन्हें इसकी सूचना दी थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details