नर्मदापुरम।केंद्र की अटलबिहारी वाजयेपी सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे बीजेपी के वरिष्ठ नेता सरताज सिंह नहीं रहे. उनके निधन की सूचना मिलते ही नर्मदापुरम समेत पूरे प्रदेश में उनके चाहने वालों में शोक की लहर फैल गई. वह कई दिनों से बीमार थे. उनका इलाज भोपाल के एक अस्पताल में चल रहा था. पार्थिव शरीर भोपाल में उनके निवास पर रखा गया है. गुरुवार दोपहर 3 बजे तक तक लोग उनके अंतिम दर्शन कर सकेंगे. सरताज सिंह के निधन पर अनेक राजनीतिक लोगों और स्थानीय नागरिकों ने शोक व्यक्त किया है.
ये है सियासी सफर :पूर्व केंद्रीय मंत्री सरताज सिंह का जन्म 26 मई 1940 को हुआ था. देश का बंटवारा भारत-पाकिस्तान के रूप में होने के बाद सरताज सिंह का परिवार इटारसी में बस गया. साल 1960 में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया. इसके बाद सक्रिय राजनीति में कदम रखा. वह इटारसी नगर पालिका के कार्यवाहक अध्यक्ष बने. सरताज सिंह 1989 से 1999 तक होशंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से लगातार चार बार सांसद चुने गए. इस दौरान सरताज सिंह ने कांग्रेस नेता रामेश्वर नीखरा के साथ ही कांग्रेस के दिग्गज नेता अर्जुन सिंह को हराया. 1999 में सरताज सिंह ने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा. 2004 में वे फिर लोकसभा सांसद चुने गए. सरताज सिंह ने 16 मई 1996 से 1 जून 1996 तक केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के रूप में कार्य किया. उन्होंने मध्य प्रदेश सरकार में भी मंत्री पद संभाला.