भोपाल।नियम कायदे भी ओहदा रसूख देखकर बदल जाते हैं क्या, राजनीतिक दलों के लिए हर नियम में शिथिलता मानी जाए. वरना फिर क्या वजह है कि जिस अभ्यारण्य में वन्य प्राणियों का ध्यान रखते हुए आवाज करने पर भी पाबंदी है. वहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करने स्पीकर भी बजे. बैठक में नेताओं ने कार्यकर्ताओं के साथ मंडल स्तर तक पार्टी की मजबूती के लिए चर्चा भी की (mp bjp meeting in chidikho of century). एक दो नहीं 150 की भीड़ में जुटे कार्यकर्ताओं ने अभ्यारण्य में बैठक के साथ भोजन का आनंद भी लिया. जानकारी के मुताबिक टिकट केवल पंद्रह कार्यकर्ताओं के कटे बताए गए हैं. बाकी कार्यकर्ता तो रसूख में एंट्री मार गए.
चिड़ीखो में भीड़ जुटाकर कार्यकर्ताओं को पाठ:जिस चिड़ीखो (Chidikho Century) की शांति में चिड़ियों का कलरव सुनने सैलानी जाते हैं. वहां एक दो नहीं बल्कि 150 बीजेपी कार्यकर्ता जुटे. कुछ हटके करने के फेर में भारतीय जनता युवा मोर्चा की बैठक यहां बुलाई गई. बैठक के साथ भोजन का भी इंतज़ाम किया गया था. इसके अलावा बैठक में लाउड स्पीकर का भी इंतज़ाम किया गया. क्षेत्र के सांसद वन अभ्यारण्य के नियम कायदे तोड़ गए. सांसद रोडमल नागर जो इस बैठक में विशेष अतिथि के रुप में मौजूद थे. उन्होंने ने भी इस बात का ध्यान नहीं रखा कि अभ्यारण्य में लाउड स्पीकर प्रतिबंधित होते हैं. ना ही इस संख्या में भीड़ को जमा किया जा सकता है. सांसद महोदय तो खुद माइक से बैठक को संबोधित कर रहे थे और कार्यकर्ताओं को बता रहे थे कि चुनाव के दौरान अगर नौजवानों के बजाए वरिष्ठ नेताओं को मौका मिल जाए तो क्यों नाराज नहीं होना है. मंडल स्तर तक पार्टी की मजबूती के टिप्स समझा रहे थे (mp rodmal nagar gave tips to workers in meeting)
अभ्यारण्य में सजा शामियाना:यूं अभ्यारण्य में जाने वाले सैलानियों के लिए भी दिशा निर्देश होते हैं, लेकिन यहां तो सारे नियम ताक पर थे. लिहाजा किसी कम्यूनिटी हॉल की तरह अभ्यारण्य में ही कुर्सियां भी लग गई. खाने की टेबलें भी सजा दी गई. उत्साही कार्यकर्ता खुद वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डालते रहे कि जंगल के सूने और सन्नाटे में भी सारा बंदोबस्त हो गया.