जबलपुर। मध्य प्रदेश के जबलपुर में नशे के इंजेक्शन के खिलाफ पुलिस ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. पुलिस ने 62,000 नशे के इंजेक्शन बरामद किए हैं. 1 सप्ताह पहले नीरज परयानी नाम के मेडिकल संचालक को पुलिस ने हिरासत में लिया था. उसी के ठिकाने से इंजेक्शन बरामद हुए हैं. नीरज परयानी जबलपुर के आसपास छोटे-छोटे कारोबारियों को गैरकानूनी ढंग से नशे के इंजेक्शन बेचता था. एंटी एलर्जी और पेन किलर के इंजेक्शन का उपयोग नशेड़ी नशे के लिए करते हैं.
इंजेक्शन की बड़ी खेप पकड़ी: जानकारी के अनुसार, जबलपुर पुलिस ने गुरुवार को एक बार फिर बुप्रेनोरफिन, हाइड्रोक्लोराइड इंजेक्शन, फार जेसिक इंजेक्शन की बड़ी खेप पकड़ी है. जबलपुर पुलिस का दावा है कि यह अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है. जिसमें पुलिस ने लगभग 62000 नशीले इंजेक्शन जब्त किए हैं. इनकी अनुमानित कीमत लगभग ₹38,00,000 बताई जा रही है.
हफ्ते पहले पकड़ा गया था आरोपी: बीते दिनों जबलपुर क्राइम ब्रांच ने राजू विश्वकर्मा नाम के एक युवक को हिरासत में लिया था. यह लाल माटी इलाके में घूम घूम कर नशे के इंजेक्शन बेच रहा था. इसके पास 100 इंजेक्शन थे. जब राजू विश्वकर्मा को पकड़ा गया तो उसने बताया कि ''उसे यह इंजेक्शन नीरज परनामी नाम के मेडिकल संचालक से मिले हैं. नीरज एसएन फार्मा मेडिकल स्टोर को चलाता है.'' इसके बाद पुलिस ने नीरज परनामी की दुकान पर छापा मारा जहां से पुलिस को 8000 इंजेक्शन मिले थे. इस मामले में भी नीरज पर ड्रग एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी और पुलिस ने नीरज की रिमांड ली थी.
नशीले इंजेक्शन की बना रखी थी गोदाम:रिमांड के दौरान पूछताछ में नीरज परनामी ने बताया कि ''उसके पास नशे के लगभग 62000 इंजेक्शन और हैं. उसकी निशानदेही पर पुलिस ने आनंद नगर कॉलोनी में एक किराए के मकान पर छापा मारा, जहां नशीले इंजेक्शन की पूरी गोदाम मिली. इस मामले में पुलिस ने राजू विश्वकर्मा और नीरज को आरोपी बनाया है. इन दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 328, 109 भादवि तथा धारा 18 सी, 27 बी औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम एवं 5/13 म.प्र.ड्रग्स कंट्रोल एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है.