दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

एक विश्राम घाट...जहां लावारिसों की अस्थियां की यात्रा निकालकर कराते हैं विसर्जन, पितरों के लिए होता है पिंडदान

Bhopal Shri Vishram Ghat Committee: हिंदू धर्म में अस्थियों को विसर्जित करने की भी बहुत मान्यता है. लेकिन सुभाष विश्राम घाट में ऐसे 58 लोगों की अस्थियां बीते एक साल से अपने विसर्जन का इंतजार कर रही थी, जिन्हें अंतिम संस्कार के बाद परिजन वहीं छोड़ गए. 58 दिवंगतों की अस्थियों को भोपाल शहर के नागरिकों व सुभाष नगर श्री विश्राम घाट समिति के सहयोग से बड़े आदर और सम्मान के साथ विसर्जन के लिए नर्मदापुरम भेजा. यहां इनका विधि विधान से तर्पण किया जाएगा. पढ़िए ईटीवी भारत के भोपाल से संवाददाता भीम सिंह मीणा की खास रिपोर्ट...

bhopal Shri Vishram Ghat Committee
श्री विश्राम घाट समिति

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Oct 5, 2023, 7:18 PM IST

Updated : Oct 5, 2023, 7:27 PM IST

सेठानी घाट पर होगा अस्थियों का तर्पण और विसर्जन

भोपाल।शहर मे तीन बड़े विश्रामघाट हैं. इन्हीं में से एक सुभाष नगर श्री विश्राम घाट पर गुरूवार सुबह से चहल पहल थी. शहर के कई गणमान्य नागरिक स्नान आदि करने के बाद फूल मालाएं लेकर विश्राम घाट पहुंच रहे थे. आमतौर पर गमगीन दिखाई देने वाले चेहरों पर गुरूवार को प्रसन्नता थी. विश्राम घाट के भीतर एक रथ तैयार हाे रहा था. महिलाएं रथ को फूलों से सजा रही थी. थोड़ी देर में पुरुष कार्यकर्ता एक बड़ा सा कलश लेकर आए और रथ पर रखने लगे. (Ashes Will Immerged in Narmada River)

अस्थियां की यात्रा नर्मदापुरम रवाना

अंतिम संस्कार के बाद अस्थियां छोड़ गए परिजन: पूछने पर बताया कि इस कलश में उन लोगों की अस्थियां हैं, जिन्हें अंतिम संस्कार के बाद परिजन लेने नहीं आए. कुछ लावारिस शवों की अस्थियां भी थी. सुभाष नगर श्री विश्राम घाट कमेटी के प्रबंधक शोभराज सुखवानी ने बताया कि ''किन्ही कारणों से विश्राम घाट में छूट गई अस्थियों का विसर्जन संस्कार सेवा समिति की ओर से नर्मदा की गोद में किया जाता है. कई परिजन चार अस्थियां लेकर जाते हैं और शेष अस्थियां विश्राम घाट में ही रखी रहती हैं, इसी प्रकार कई ऐसे लोगों की अस्थियां होती हैं, जिन्हें लेने कोई नहीं आता.''

श्री विश्राम घाट समिति

सेठानी घाट पर अस्थियों का तर्पण और विसर्जन:शोभराज सुखवानी ने बताया कि ''ऐसी अस्थियों का विसर्जन हर साल यहां से यात्रा निकालकर किया जाता है. इस बार भी सामाजिक दायित्व निभाते हुए यह कार्य किया जा रहा है.'' उन्होंने बताया कि ''अब इन अस्थियों को रथ में सवार करके हम नर्मदापुरम लेकर जा रहे हैं. वहां सेठानी घाट पर इन अस्थियों का तर्पण और विसर्जन एक साथ किया जाएगा. रथ के साथ कई महिला एवं पुरुष स्वयंसेवक भी अपने अपने वाहन के साथ जाएंगे. इस रथ में रखी अस्थियों का 70 किमी सफर के दौरान जगह जगह पूजन किया जाएगा. जब रथ विश्राम घाट से रवाना हुए तो सगे न होते हुए भी कई लोगों ने इन अस्थियों को भावभीनी विदाई दी.

कोविड के दौरान 2021 में की थी शुरूआत:श्री विश्राम घाट ट्रस्ट कमेटी के कोषाध्यक्ष डीआर मिश्रा ने बताया कि ''पितृपक्ष में श्राद्धकर्म, पिंडदान, तर्पण का काफी महत्व है. कोरोना काल में कई लोगों ने अपनों को खोया है. कोविड के दौरान शहर के विश्राम घाटों में लोग अपनों के अंतिम संस्कार के बाद अस्थि छोड़ जाते थे. इन्हें हम एक कलश में रख देते थे. 2021 में 250 से अधिक अस्थि कलश का विसर्जन किया था, तब इसकी शुरूआत थी. इस साल तक 10 हजार से ऊपर लोगों का दाह संस्कार हुआ था. इनमें से जिन लोगों की अस्थियां लोग छोड़ गए, उनकी दो बार अस्थियां विजर्सित की गई थी. पहली बार जब अस्थि विसर्जन के लिए तय किया तो शहर के कई गणमान्य लोग इस अभियान से जुड़ गए और एक रथ तैयार किया गया, जिसमें अस्थि कलश रखकर इन्हें विसर्जन के लिए नर्मदापुरम ले जाया गया. हर बार वाहनों का एक बड़ा काफिला भी शामिल होता है. 2022 में भी करीब 100 अस्थियों को श्राद्ध पक्ष में विसर्जन के लिए ले जाया गया.

पितरों के लिए होता है पिंडदान

Also Read:

पिंडदान और तर्पण की नि:शुल्क व्यवस्था:सुभाष नगर श्री विश्राम घाट में अस्थि विसर्जन के साथ पिंडदान, तर्पण का भी नि:शुल्क आयोजन पितृपक्ष पखवाड़े में किया जाता है. इसकी शुरूआत श्राद्ध पक्ष के पहले दिन से हो गई. यह कार्यक्रम गायत्री परिवार के सहयोग से किया जाता है और अपने पूर्वजों का तर्पण करने के लिए शहर के कई लोग इसमें आ रहे थे. ईटीवी भारत की टीम जब अस्थि विसर्जन कार्यक्रम को कवर करने के लिए मौके पर पहुंची तो उसी स्थान के बगल में एक यज्ञ वेदी बनी हुई थी. मंच पर गायत्री परिवार के पुजारी आदेश दे रहे थे और उनके सामने बैठे लोगों अपने पूर्वतों का पिंडदान कर रहे थे. समाज सेवी और विश्राम घाट में निरंतर सेवा देने वाली ममता शर्मा बताती हैं कि ''वर्ष 2016 से पिंड दान, तर्पण व भागवत कथा आयोजन की शुरूआत की गई थी. श्राद्ध पक्ष में विश्राम घाट के भीतर ही श्रीमद भागवत कथा का भी आयोजन किया जाता है.''

Last Updated : Oct 5, 2023, 7:27 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details