भोपाल। बदलते मौसम के साथ एमपी के बागो में बहार भले न हो, लेकिन चुनावी मौसम में बागियों की बहार आनी शुरु हो गई. नाराज बागियों ने पहले तेवर दिखाए कि टिकट बदल सको तो बदल लो. लेकिन जब विरोध प्रदर्शन भी बेअसर रहा तो मैदान में आने का दम दिखा ही दिया. एमपी में मालवा, महाकौशल, बुंदेलखंड और ग्वालियर चंबल में कहां कितने बागी मैदान में दम दिखाने उतर चुके हैं और कहां नामांकन दाखिल करने के साथ हो चुकी है बगावत की धार तेज करने की तैयारी, राजनीतिक दलों से ये बगावत किसके हक में जाएगी, किसे मात दिलाएगी, बागी नई माने रे नई माने...मचल गए लड़बे को.
कांग्रेस के गढ़ में ऐसी बगावत: भोपाल की उत्तर विधानसभा सीट की गिनती एमपी की उन सीटों में होती है. जहां पार्टी दशकों से लगातार जीत रही है. इस सीट पर आरिफ अकील बीजेपी की आंधियों में भी चुनाव जीतते रहे हैं. लेकिन इस बार कांग्रेस के लिए अपने गढ़ में ही चुनौती खुद आरिफ अकील का परिवार बन गया है. आरिफ अकील के बीमार होने के बाद उनके बेटे आतिफ अकील को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया लेकिन परिवार में ही फूट हो गई और आरिफ अकील के भाई आमिर अकील ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया. उधर कांग्रेस के ही एक और दावेदार इस सीट के नासिर इस्लाम ने भी बगावत कर दी है परिवारवाद का पार्टी पर आरोप लगाते हुए चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी की है. उधर भोपाल की नरेला सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार बाबू मस्तान चुनाव मैदान में उतर गए हैं. निर्दलीय उम्मीदवार बाबू मस्तान निर्दलीय होते हुए जमीन पर पकड़ रखते हैं. इनकी मौजूदगी कांग्रेस के वोट काटेगी.
ग्वालियर चंबल के बागियों का बसपा ठिकाना:ग्वालियर चंबल में ज्यादातर बागियों का ठिकाना बसपा है. कांग्रेस और बीजेपी से नाराज उम्मीदवारों को बसपा हाथ के हाथ ले रही है. मुरैना से बीजेपी को बड़ा झटका लगा था जब पार्टी के वरिष्ठ नेता रुस्तम सिंह ने पार्टी छोड़ दी है. रुस्तम सिंह की नाराजगी ये थी कि वे अपनी जगह अपने बेटे राकेश सिंह की उम्मीदवारी चाहते थे लेकिन पार्टी ने उहे भी टिकट नहीं दिया. अब राकेश सिंह बसपा से चुनाव मैदान में हैं. इसी तरह ग्वालियर में भी कांग्रेस के केदार सिंह कंसाना ने भी ग्वालियर ग्रामीण से दावेदारी की थी. टिकट कटा तो बसपा का हाथ थाम लिया. चंबल में भिंड विधानसभा में बीजेपी छोड़ बसपा में गए रक्षपाल सिंह बसपा से उम्मीदवारी के लिए तैयार हैं. इसी तरह बीजेपी विधायक रहे संजीव सिंह कुशवाहा टिकट कटने के बाद अब निर्दलीय मैदान में उतरेंगे. कांग्रेस में भी राहुल सिंह कुशवाहा ने बगावत कर अब आम आदमी पार्टी चुनाव लड़ने का मन बना लिया है.