भोपाल।मध्य प्रदेश मेंलगातार हो रही बारिश के साथ मौसम में भी बदलाव हो रहा है. ऐसे में इस बदलाव का असर बैक्टेरियम को जन्म देता है. जिसमें सर्दी खांसी के साथ ही आंखों का लाल होना यानी आंखों में कंजेक्टिवाइटिस की शिकायत सबसे ज्यादा सामने आने लगी है और इसका सबसे ज्यादा असर बच्चों पर भी हो रहा है. बच्चों में बैक्टीरिया इन्फेक्शन के कारण कंजंक्टिवाइटिस ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया है. जिस वजह से स्कूलों में भी बच्चे इसकी चपेट में आ गए हैं. जिसके चलते स्कूलों ने बच्चों के माता-पिता को सर्कुलर जारी कर बच्चों में इस तरह के लक्षण होने पर उन्हें स्कूल ना भेजने के मैसेज भी किए हैं. भोपाल में ओपीडी में रोज सैकड़ों की संख्या में बच्चे आंखों में लालपन की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. स्थिति यह है कि पिछले 7 दिनों में 3000 से अधिक बच्चे कंजेक्टिवाइटिस की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचे हैं. यानी 40% से अधिक बच्चे भोपाल में इसकी चपेट में अभी तक आ चुके हैं.
बारिश के मौसम में होती है आई कंजेक्टिवाइटिस: आई स्पेशलिस्ट डॉक्टर ललित श्रीवास्तव का कहना है कि ''कंजेक्टिवाइटिस के केसेस पिछले सालों के मुकाबले इस बार कुछ ज्यादा ही देखने को मिल रहे हैं. लेकिन फिलहाल घबराने की स्थिति नहीं है, यह कोई महामारी का रूप नहीं है. आई फ्लू बैक्टीरिया और वायरस की एलर्जी से होने वाली बीमारी है. यह बीमारी बारिश के दिनों में देखने को मिलती है. साथ ही धूल भरे मौसम में भी यह बीमारी होती है. लापरवाही बरतने पर आंखों में परेशानी बढ़ती है और वह लाल हो जाती है. ऐसे में आंखों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी होता है, खासकर छोटे बच्चों में. क्योंकि छोटे बच्चे लगातार आंखों को मसल लेते हैं और उसके हाथ दूसरे बच्चों पर भी लगा देते हैं और यह बीमारी एक दूसरे की आंख में देखने से भी बढ़ जाती है. इसलिए बच्चों को इससे दूर रखना चाहिए और जरा भी लक्षण होने पर तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.''
कंजेक्टिवाइटिस एक संक्रमण बीमारी:वहीं, डॉक्टर ललित श्रीवास्तव बताते हैं कि ''कंजेक्टिवाइटिस एक सामान्य बीमारी है. संक्रमण बीमारी है जो घर में किसी एक व्यक्ति को हो जाती है तो पूरे परिवार इससे ग्रसित हो जाता है. ऐसे में सभी को सावधानी रखनी चाहिए. गले में दर्द के साथ खराश भी बच्चों को हो तो इसके मामले भी लगातार बढ़ जाते हैं. क्योंकि अधिकतर देखने में आ रहा है कि आंखों के लाल होने के साथ सर्दी, खांसी, बुखार की शिकायत भी बच्चों में लगातार आ रही है.''
अधिकतम 7 दिन रहता है इंफेक्शन: वहीं, ऐम्स भोपाल में आई डिपार्टमेंट की हेड भावना शर्मा का कहना है कि ''इन दिनों आंखों में लालिमा के मामले ज्यादा आ रहे हैं. जिसमें छोटे बच्चे इसका शिकार हैं. आंखों में कंजेक्टिवाइटिस होने से सूजन, दर्द, लालिमा एवं पानी आता है. तो कई बार कीचड़ भी जम जाती है. यह सिर्फ एक आंख ही नहीं एक के बाद दूसरी आंख या फिर दोनों आंखों में एक साथ अचानक भी हो सकता है, मरीज को लगातार आंखों में चुभता रहता है. लाइट में वह बच्चा आंख नहीं खोल पाता और सिर में दर्द भी हो सकता है. जिसका मुख्य कारण बैक्टीरिया है, जो अक्सर शुरू के 2 से 3 दिन में बढ़ता है और फिर 5 से 7 दिन में ठीक हो जाता है.'' भावना बताती हैं कि ''इस बीमारी की अधिकतम आयु 7 दिन होती है. उसके बाद ही अपने आप ठीक हो जाता है. लेकिन इससे बचाव बेहद जरूरी है. लोगों को सलाह दी जाती है कि अगर उनके बच्चों को आंखों में इस तरह दर्द या सूजन नजर आए तो कोई भी ड्रॉप लेकर आंख में नहीं डालें, पहले डॉक्टर को दिखाएं और उसके निर्देश अनुसार ही बच्चों का ध्यान रखें.''