भोपाल। एमपी के पांच करोड़ 61 लाख मतदाताओं ने 230 विधानसभा सीटों के लिए वोट किया. शहरी इलाकों के मुकाबले ग्रामीण हिस्से और बड़े शहरों के मुकाबले छोटे जिले लोकतंत्र के अपने सबसे बड़े अधिकार को लेकर ज्यादा जागरुक दिखाई दिए. शाजापुर में 80 फीसदी और नीमच में 81 फीसदी लोगों ने वोट किया. आदिवासी इलाकों में में भी वोटिंग परसेंटेज 70 फीसदी के पार रहा है. इस बार महिला वोटर पर दोनों ही दलों की निगाह थी. महिला वोटर ने भी चुनाव में दिलचस्पी दिखाई और महिला वोटिंग में पुरुषों से आगे निकल गईं.
एमपी में पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत ज्यादा है, 76.01 फीसदी टोटल मतदान हुआ है. मतदान प्रतिशत के आंकड़ों में अपडेशन अभी भी जारी है, जो आगे बढ़ सकता है. एमपी में ये पहला चुनाव है, जब ग्वालियर चंबल से निकलकर हिंसा की घटनाएं मालवा, महाकौशल और बुंदेलखंड से भी सुनाई दी. पूरे चुनाव में हाईप्रोफाईल सीट बनी रही दिमनी वोटिंग के दिन भी गोलीबारी के साथ गर्माती रही.
वोटिंग के दिन एमपी में बिहार सा सीन: आमतौर पर शांति पूर्ण मतदान के लिए जाने जाते रहे एमपी में ये पहला चुनाव होगा. जब हिंसा की घटनाओं के लिए ग्वालियर चंबल ही दर्ज नहीं हुआ. बुंदेलखंड में से लेकर मालवा और महाकौशल तक हिंसा हुई. वोटिंग खत्म होते तक जबलपुर पूर्व विधानसभा में गोली चल गई. इसके पहले भी यहां लाठीचार्ज हुआ. मुरैना में भाजपा समर्थक पूर्व सरपंच खेमसिंह को गोली मार दी गई. बाइक सवार आधा दर्जन युवकों ने गोली चलाई. गोली मारने की वजह चुनावी रंजिश बताई जा रही है.
भोपाल की नरेला विधानसभा के बाग दिलकुशा में वोटिंग के दौरान अज्ञात युवकों ने पथराव कर दिया. इससे पोलिंग एजेंट बाल-बाल बच गए. जबकि उनकी गाड़ियों के कांच फूट गए. इससे पहले नरेला के ही ऐशबाग इलाके में हिंद काॅन्वेंट स्कूल के मतदान केंद्र पर भाजपा उम्मीदवार विश्वास सारंग की कांग्रेस कार्यकर्ता से बहस हो गई. उन्होंने कुछ कहते हुए उसका हाथ झटक दिया.
इसके बाद विश्वास के समर्थक उस युवक को खींचते हुए ले गए और चांटे मारे. भोपाल के आरिफ नगर स्थित सहारा पोलिंग बूथ पर भी हंगामा हुआ है. यहां भाजपा प्रत्याशी आलोक शर्मा जब मतदान केंद्र पर पहुंचे तो कांग्रेस कार्यकर्ता भड़क गए. वहीं, गोविंदपुरा विधानसभा के आनंद नगर में भाजपा-कांग्रेस कार्यकर्ताओं में झड़प हुई है. जिसमें कांग्रेस के पोलिंग बूथ एजेंट अजय साहू के हाथ में चोटें आई हैं.
किन जिलों ने वोटिग में बाजी मारी: इस बार बड़े शहरों के मुकाबले छोटे जिले चुनाव को लेकर ज्यादा उत्साह में और जागरुक दिखाई दिए. बात करें वोटिंग प्रतिशत की तो सबसे ज्यादा वोटिंग शाजापुर जिले में हुई, जहां पर 84.99 फीसदी लोगों मतदान किया. वहीं चंबल में भिंड जिले में सबसे कम 58.71 प्रतिशत रहा. आदिवासी बाहुल्य अलिराजपुर में 60.10 प्रतिशत रहा, भोपाल में 64.32 प्रतिशत रहा. इसके बाद रात 10 बजे तक नया आकड़ी सामने आया जहां कहा गया कि आगर मालवा 83.31 प्रतिशत, अनूपपुर 77.03 प्रतिशत, अलीराजपुर 60.10 प्रतिशत, अशोक नगर 75.78 प्रतिशत, इंदौर उज्जैन 74.02 प्रतिशत, उमरिया 76. 57 प्रतिशत, कटनी 72.08 प्रतिशत, खंडवा 69.99 प्रतिशत, खरगोन 76.31 प्रतिशत, ग्वालियर 63.31 प्रतिशत, छतरपुर 69.58 प्रतिशत, छिंदवाड़ा 81.46 प्रतिशत, जबलपुर 74.30 प्रतिशत, झाबुआ 73.10 प्रतिशत, डिंडोरी 78.3 प्रतिशत मतदान हुआ.