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MP: अधिवक्ता आज से तीन दिन की हड़ताल पर, हाई कोर्ट के आदेश का विरोध

मध्य प्रदेश के 90 हजार वकील 23 से 25 मार्च तक हड़ताल पर रहेंगे. इस दौरान हाईकोर्ट से लेकर निचली अदालतों तक वकील पैरवी नहीं करेंगे. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने हाल ही में एक आदेश जारी किया है. इसके अनुसार सभी जिला अदालतों से कहा गया है कि 25 साल से पुराने पेंडिंग मामलों को लगातार सुनवाई करके 3 महीने के भीतर निपटाएं. वकील इसी आदेश का विरोध कर रहे हैं.

MP Advocates on strike for three days
MP अधिवक्ता आज से तीन दिन की हड़ताल पर

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Published : Mar 23, 2023, 7:49 AM IST

जबलपुर।मध्य प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदोरिया ने वकीलों की हड़ताल का ऐलान किया है. दरअसल, वकीलों के विरोध का सिलसिला हाईकोर्ट के एक प्रशासनिक आदेश से शुरू हुआ. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सभी जिला अदालतों को आदेश जारी किया है कि 25 साल से पुराने पेंडिंग मामलों को 3 महीने के भीतर निपटाएं. इन मामलों की रोजाना सुनवाई की जानी है. इस सुनवाई की मॉनिटरिंग हाईकोर्ट कर रहा है. रोज डिस्ट्रिक्ट कोर्ट को यह जानकारी हाईकोर्ट को देनी होगी कि उसने कौन से मामले पर सुनवाई की. इसके साथ ही ये भी बताना है कि 25 साल पुराने मामले कितने निपटाए जा चुके हैं.

पहले ही कई जिलों में हो चुकी है हड़ताल :आदेश में यह भी है कि जो जज ऐसा नहीं करेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वकीलों का कहना है कि इस वजह से निचली अदालतों में एक बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. रोज दाखिल होने वाले नए मामलों में कोर्ट सुनवाई नहीं कर रहा है. इससे वकीलों को समस्या हो रही है. पहले वकीलों ने इसका विरोध जिला अदालतों में करना शुरू किया. जबलपुर सहित कई जिला अदालतों में काम बंद कर दिया गया. जबलपुर जिला अदालत में बीते 8 दिनों से हड़ताल चल रही है. लेकिन इसके बाद भी चीफ जस्टिस ने अपना आदेश वापस नहीं लिया. डिस्ट्रिक्ट बार की यह समस्या मध्य प्रदेश बार काउंसिल तक पहुंची. बार काउंसिल के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदोरिया ने चीफ जस्टिस से पत्र लिखकर इस आदेश को वापस लेने की मांग की.

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24 मार्च को आगे की रणनीति बनाएंगे वकील :इसके बाद चीफ जस्टिस ने इस मुद्दे पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा से दखल देने की मांग की. मनन कुमार मिश्रा ने एक पत्र जारी किया. जिसमें उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के वकील अब काम पर लौटेंगे और हड़ताल तुरंत खत्म की जाए. बस यहीं से मामला बिगड़ गया. इसके बाद मध्य प्रदेश बार काउंसिल के अध्यक्ष प्रेम सिंह भदोरिया ने हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस को चिट्ठी लिखकर कहा है कि वह किसी संस्था के अधीन नहीं हैं. मध्य प्रदेश बार काउंसिल एक स्वतंत्र संगठन है. इसलिए वह किसी की बात मानने के लिए मजबूर नहीं हैं. इसके बाद प्रेम सिंह भदौरिया ने तुरंत 23, 24 और 25 मार्च को काम बंद हड़ताल का एलान कर दिया. बार काउंसिल मध्य प्रदेश की मांग है कि जब तक मध्य प्रदेश हाई कोर्ट 25 साल पुराने मामलों की लगातार सुनवाई के आदेश को वापस नहीं लेता, तब तक यह हड़ताल चलेगी. 25 मार्च को मध्य प्रदेश बार काउंसिल की साधारण सभा की बैठक होगी. उसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी.

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