भोपाल (Bhopal):मध्य प्रदेश के वर्तमान और पूर्व विधायकों को राजधानी भोपाल में आवास (residence) उपलब्ध कराने के लिए एक टॉवर बनाया गया था. जिसमें करीब 50 माननीयों ने बुकिंग कराई है, लेकिन बुकिंग कराने के कई सालों बाद भी इन लोगों ने इसकी किस्त (installment) नहीं भरी है. अब जाकर आवास संघ ने ऐसे सभी विधायकों के आवंटन को निरस्त कर उनकी आवंटन राशि लौटा दी है. यह स्थिति तब है जब विधायकों को यह फ्लैट (Flat) रियायती दरों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं.
4 अक्टूबर को समीक्षा बैठक
वर्तमान और पूर्व विधायकों द्वारा रूचि न दिखाए जाने से 336 फ्लैट के इस टाॅवर में करीबन डेढ़ सौ से ज्यादा फ्लैट (Flat) अब तक नहीं बिके. इसके चलते निर्माण एजेंसी हाउसिंग बोर्ड (housing board) की देनदारी करोड़ों में हो गई है. उधर, विधायकों के आवास के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष और बीजेपी विधायक यशपाल सिसोदिया ने 4 अक्टूबर को एक समीक्षा बैठक बुलाई है.
मुप्त में चाहिए माननीयों को फ्लैट! विधायकों के आवास में एजेंसी बनी कर्जदार
राजधानी की प्राइम लोकेशन रचना नगर में 336 लग्जरी फ्लैट के लिए प्रदेश आवास संघ ने 2012-13 में काम शुरू किया था. टाॅवर में 282 पूर्व और वर्तमान विधायकों ने फ्लैट की बुकिंग की थी, लेकिन अभी तक सिर्फ 150 विधायकों ने ही फ्लैट की रजिस्ट्री कराई है. विधायकों द्वारा रूचि न दिखाए जाने से रचना टाॅवर के करीब 168 आवास खाली रह गए. पंजीयन कराने वाले करीब 50 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने फ्लैट के लिए 3.50 लाख की पंजीयन राशि देकर फ्लैट बुक तो कराया, लेकिन इसके बाद इसकी एक भी किस्त नहीं भरी. विधायकों की लापरवाही का खामियाजा निर्माण एजेंसी आवास संघ को भुगतना पड़ा. यही कारण है कि आवास संघ करोड़ों की कर्जदार बन गई है. बताया जाता है कि आवास संघ पर करीब 19 करोड़ रुपए की देनदारी हो गई है.
मुप्त में चाहिए माननीयों को फ्लैट! विधायकों के आवंटन निरस्त
आवंटन को आवास संघ ने निरस्त कर दिया है. संघ ने इनके पंजीयन राशि में से 5 फीसदी राशि काटकर इसे वापस कर दिया है. हालांकि अभी कई विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने इसकी गिनी-चुनी किश्तें ही जमा की हैं. विधायकों के आवास के लिए गठित कमेटी के अध्यक्ष यशपाल सिसौदिया ने बताया कि कई विधायकों ने अभी राशि जमा नहीं की है.
यह हैं विधायकों के आवास की कीमतें
- 120 एचआईजी फ्लैट- कीमत 61.20 लाख रुपए
- 120 सीनियर एमआईजी फ्लैट- 58 लाख रुपए
- 80 जूनियर एमआईजी फ्लैट- 42 लाख रुपए
- 30 एलआईजी फ्लैट- 16 लाख रुपए
माननीयों के लिए पहले भी आ चुकी हैं कई योजनाएं - राजधानी भोपाल में विधायकों के लिए पहला विश्राम गृह 20 जुलाई 1958 को तैयार किया गया था. इसमें 24 यूनिट थी. इसके बाद 270 नए विधायकों के आवास बने. बाद में तीन अन्य फैमिली ब्लाॅक बने, जिसमें 732 आवास बने. सबसे पहले 1980-83 में विधायकों के लिए जवाहर चौक पर 45 एमएलए क्वार्टर बनाए गये. 1990 से 1993 के दौरान जवाहर चौक और डिपो चैराहे के बीच आवासीय परिसर का निर्माण कराया गया, जिसमें 45 एमएलए क्वार्टर बनाया गए. 2003 में 7 एकड़ में रिवेरा टाउन बनाया गया. इसमें 80 बंगले बनाए गए.