उत्तरकाशी : चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बिपिन रावत (CDS Bipin Rawat) का बुधवार को तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर क्रैश (Bipin Rawat Helicopter Accident) हो गया. इस हादसे में सीडीएस बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 अधिकारियों और जवानों का निधन हो गया. सीडीएस बिपिन रावत के निधन (CDS Bipin Rawat Death) की खबर सुनते ही उनके ननिहाल (CDS Bipin Rawat nanihal uttarkashi) में मातम छा गया. सीडीएस बिपिन रावत के ननिहाल में हर किसी आंखें नम हैं.
सीडीएस बिपिन रावत उत्तराखंड (CDS Bipin Rawat Death) के पौड़ी जिले के रहने वाले थे. उनका ननिहाल उत्तरकाशी (CDS Bipin Rawat nanihal uttarkashi) जिले के थाती गांव में है. थाती गांव के लोगों को जैसे ही उनके हेलीकॉप्टर क्रैश (Bipin Rawat Helicopter Accident) होने की खबर मिली है, वे बेचैन हो गए. सीडीएस बिपिन रावत को बचाने की उम्मीद में उनके परिजन और गांव के सभी लोग भगवान के प्रार्थना कर रहे थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और शाम को उनके निधन की खबर आई.
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सीडीएस बिपिन रावत के ननिहाल थाती गांव (CDS Bipin Rawat nanihal uttarkashi) में उनके ममेरे भाई रहते हैं. दो साल पहले सीडीएस बिपिन रावत थाती गांव (thati village uttarkashi) आए थे. यहां उन्होंने अपने ममेरे भाई और उनके परिवार से मुलाकात की थी. सीडीएस बिपिन रावत के ममेरे भाई नरेंद्र परमार ने बताया कि सितंबर 2019 में बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ थाती गांव (thati village uttarkashi) आए थे. यहां ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया था.
दो साल पहले अपने ननिहाल आए थे बिपिन रावत नरेंद्र परमार ने बताया कि इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों के साथ अपने बचपन की बातें शेयर की थी. साथ ही कहा था कि रिटायरमेंट के बाद वे पहाड़ में आकर बसेंगे और अपनी सरकारों के साथ मिलकर पहाड़ की उच्च शिक्षा पर कार्य करेंगे.
थाती गांव (thati village uttarkashi) के पूर्व प्रधान और CDS के ममेरे भाई गिरवीर परमार ने कहा कि घटना के बाद से पूरा गांव CDS बिपिन रावत की कुशलता के लिए भगवान से प्रार्थना कर रहा था, लेकिन देर शाम को उनके निधन की खबर आई.
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