जैसलमेर. भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जैसलमेर जिला इन दिनों डीआरडीओ ने दुश्मन को मुंह तोड़ जवाब देने वाली 155×52 एटीएजीएस को बीईएमएल के आर्मर्ड ट्रक पर लगाकर उसका परीक्षण किया. इस परीक्षण से जैसलमेर की पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज समेत आसपास का समूचा इलाका गन के धमाकों से गूंज उठा. रक्षा सूत्रों के अनुसार रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन यानि डीआरडीओ के अधिकारियों व भारतीय सेना के अधिकारियों व जवानों की मौजूदगी में यह परीक्षण किया गया, जो कि पूरी तरह से सफल रहा. रक्षा सूत्रों ने बताया कि डीआरडीओ द्वारा मिशन मोड पर इसे तैयार करने व इसके परीक्षण को अंजाम दिया गया तथा इस गन का परीक्षण भारतीय सेना के तोपखाने में आधुनिकीकरण को लेकर मील का पत्थर साबित हुई है.
60 सेकंड में 5 राउंड करती है फायर:रक्षा सूत्रों के अनुसार इस गन की मारक क्षमता 60 सेकंड में लगभग 5 राउंड फायर करने की है. वहीं माउंटेड ऑर्टलरी गन का मतलब है गाड़ी पर तैनात की जाने वाली तोप. रक्षा सूत्रों ने बताया कि गाड़ी पर तैनात की जाने वाली इस तरह की गन का सबसे बड़ा फायदा होता है कि सेना को जब कभी जंग के हालात में इस ऑर्टलरी गन से फायर किया जाता है तो उसके राउंड के एलिवेशन से दुश्मन के गन के लोकेशन का आसानी से पता लगा लेता है और इसके बाद दुश्मन को नेस्तानाबूद करना शुरू कर देता है. इतना ही नहीं यह गन एक बार फायर करने के तुरंत बाद अपनी जगह बदल सकता है ताकि दुश्मन के हमले से भी बचा जा सके.