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नेपाली मीडिया के मुताबिक जीवित है बलजीत कौर, मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक ने दे दी थी श्रद्धांजलि

हिमाचल की बेटी पर्वतारोही बलजीत कौर जीवित है. दरअसल मंगलवार सुबह अन्नपूर्णा पर्वत से लौटते वक्त उनकी मौत की खबर आई. जिसके बाद मीडिया सोशल मीडिया पर उनके निधन की खबरें तैरने लगी. मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक ने सोशल मीडिया तक पर श्रद्धांजली दे दी थी. लेकिन नेपाली मीडिया के मुताबिक बलजीत कौर जीवित हैं.

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Published : Apr 18, 2023, 11:25 AM IST

Updated : Apr 18, 2023, 5:34 PM IST

हिमाचल की बेटी पर्वतारोही बलजीत कौर का निधन
हिमाचल की बेटी पर्वतारोही बलजीत कौर का निधन

काठमांडू/सोलन : हिमाचल की रहने वाली पर्वतारोही बलजीत कौर नेपाल के अन्नापूर्णा से सकुशल मिल गई हैं. पीटीआई की खबर के मुताबिक 27 साल की बलजीत कौर नेपाल के अन्नपूर्णा चोटी से उतरते वक्त चौथे कैंप के पास से लापता हो गई थीं.

नेपाली मीडिया के मुताबिक ठीक हैं बलजीत कौर- नेपाली मीडिया के मुताबिक बलजीत कौर ठीक हैं और उन्हें हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू किया गया है. नेपाली मीडिया के मुताबिक माउंट अन्नपूर्णा के ऊंचे कैंपों से कम से कम पांच पर्वतारोहियों को निकाला गया. इन सभी ने दुनिया की 10वीं सबसे ऊंची चोटी अन्नपूर्णा चोटी से उतरते समय माउंटेन इलनेस की शिकायत की थी.

नेपाल के 'द हिमालयन टाइम्स' ने अभियान के आयोजकों के हवाले से लिखा कि माउंट अन्नपूर्णा पर कैंप चार के पास से लापता हुई भारतीय महिला पर्वतारोही बलजीत कौर को 7,363 मीटर से जीवित बचा लिया गया है. पायनियर एडवेंटर के चेयरपर्सन पासंग शेरपा के मुताबिक वे फ्रॉस्टबाइट से पीड़ित हैं. अत्यधिक ठंडे तापमान के कारण त्वचा के गंभीर नुकसान होता है जिसे फ्रॉस्टबाइट कहते हैं. पासंग शेरपा के मुताबिक बलजीत को काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से CIWEC अस्पताल ले जाया जा रहा है. नेपाली मीडिया की ओर से बलजीत कौर के रेस्क्यू और सुरक्षित बचाव होने को लेकर ट्वीट भी किए गए.

पहले आई थी मौत की ख़बर- गौरतलब है कि मंगलवार सुबह खबर आई कि भारत की जानी-मानी पर्वतारोही बलजीत कौर अन्नापूर्णा पर्वत को फतह करने के बाद वापस लौटते वक्त लापता हो गई. बलजीत कौर की मौत की खबर भी मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक वायरल हो गई थी.

मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक ने किया ट्वीट- बलजीत कौर की मौत को लेकर हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू से लेकर कई मंत्रियों और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर तक ने ट्वीट कर दिया था. कैबिनेट मंत्री धनीराम शांडिल ने तो मीडिया के बीच पहुंचकर बलजीत की मौत पर दुख प्रकट कर दिया था. हालांकि जैसे जैसे नेपाल से रेस्क्यू की खबरें आने लगी तो सभी ने सोशल मीडिया पोस्ट हटा लिए थे. बलजीत के सकुशल लौटने की कामना मीडिया से लेकर सोशल मीडिया तक की जाने लगी.

स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने पुष्टि की

कड़ी मेहनत से बलजीत ने मुकाम बनाया:एक महीने से कम समय में चार 8 हजार मीटर चोटियों को फतह करने वाली पहली भारतीय महिला बलजीत कौर थी. बता दें कि वह साल 2016 में माउंट एवरेस्ट फतह करने के लिए गई. बलजीत उस समय एक्स्ट्रा ऑक्सीजन मास्क ना होने की वजह से 300 मीटर पीछे से ही वापस लौट आई थी ,लेकिन 6 सालों की कड़ी मेहनत के बाद अब फिर बलजीत कौर ने यह मुकाम पाया था. 28 अप्रैल 2022 को बलजीत कौर ने 8091 मीटर उंचे माउंट अन्नपूर्णा को फतह किया था, जबकि 12 मई 2022 को बलजीत ने 8566 मीटर उंचे माउंट कंचनजंगा को फतह किया था.

ऑक्सीजन की कमी बताई जा मौत की वजह

ऊंची पुमोरी चोटी फतह की थी:बता दें कि बलजीत पहली भारतीय महिला है, जिसे 7161 ऊंची पुमोरी चोटी फतह करने का गौरव हासिल हुआ था, पुमोरी चोटी हासिल करने के बाद से बलजीत ने कहा था कि उनके हौसलों की यह उड़ान अब थमने वाली नहीं और अगले वर्ष ही वह एवरेस्ट पर भी तिरंगा फहराएंगी.

हिमाचल की बेटी पर्वतारोही बलजीत कौर का निधन

बेहतरीन एनसीसी कैडेट के तौर पर पहचान बनाई:कुछ साल पहले जब वह सोलन कॉलेज में एनसीसी में थी तो एवरेस्ट के एक अभियान का हिस्सा बनी थीं,लेकिन उस दौरान ऑक्सीजन मास्क की खराबी के चलते बलजीत कौर को अभियान बीच में छोड़कर लौटना पड़ा था.बलजीत की शिक्षा सोलन कॉलेज से हुई और इस दौरान बेहतरीन एनसीसी कैडेट के रूप में बलजीत ने अपनी पहचान बनाई थी.

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Last Updated : Apr 18, 2023, 5:34 PM IST

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