गांधीनगर: पिछले 40 वर्षों से केंद्र सरकार इस बात के लिए कड़ी मेहनत कर रही है कि सेमीकंडक्टर निर्माता कंपनी देश में सेमीकंडक्टर चिप्स का निर्माण करे लेकिन कोई भी कंपनी भारत आने को तैयार नहीं थी. फिर 40 साल बाद गांधीनगर में गुजरात सरकार और अमेरिकी चिप निर्माता माइक्रोन कंपनी के बीच अहमदाबाद के साणंद में 50,000 वर्ग फुट जमीन पर प्लांट लगाने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिसमें कंपनी की ओर से कुल 22,500 करोड़ रूपये का निवेश किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एमओयू के दौरान कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सबसे पहले 1980 के दशक में, फिर 1990 के दशक में और वर्ष 2005 के दौरान प्रयास किए गए कि एक सेमीकंडक्टर कंपनी भारत आए और सेमीकंडक्टर चिप्स का निर्माण करे। फिर 40 साल बाद 2023 में माइक्रोन कंपनी के साथ एमओयू किया गया है. कंपनी अहमदाबाद के साणंद में सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र स्थापित करेगी. महत्वपूर्ण बात यह है कि सेमीकंडक्टर का उपयोग हर जगह किया जाता है, जिसमें कारों में 1000 चिप, मोबाइल में 100 चिप, ट्रेन में 10,000 से 15,000 चिप लगाए जाते हैं. इस प्रकार हर साल भारत एक लाख करोड़ रुपये के चिप्स का आयात करता है, जो निकट भविष्य में नहीं करना पड़ेगा और यह भारत के लिए सेमीकंडक्टर चिप्स में आत्मनिर्भर बनने का सबसे बड़ा कदम है.
अश्विनी वैष्णव ने आगे कहा कि ये उद्योग फिलहाल 650 अरब डॉलर का हैं. आने वाले दिनों में गुजरात में स्थापित होने वाली कंपनियों को ध्यान में रखकर बीटेक और एमटेक की पढ़ाई को भी बेहतर बनाया जाएगा. इसके अलावा राज्य सरकार और केंद्र सरकार भी सिलेबस में बदलाव करेगी ताकि भारत में बेहतरीन इंजीनियर तैयार हो सकें. गुजरात सरकार के विज्ञान और टेक्नोलॉजी सचिव विजयन राय ने कहा कि गुजरात राज्य सेमीकंडक्टर नीति वाला पहला राज्य है और माइक्रोन कंपनी को लाने के लिए एक वर्ष में 40 से अधिक लगातार बैठकें और 50 से 60 घंटे टेलीफोन पर बातचीत हुई है. गुजरात के लिए अहमदाबाद के साणंद में लगने वाला प्लांट एक मॉडल प्लांट होगा, जो सबसे बड़ा प्लांट होगा जबकि 18 महीने के अंदर कंपनी में चिप का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा.