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Geeta Gyan : जो सुख-दुख में, भय तथा चिन्ता में समभाव रहता है, वह... - motivation gita

जो लोग मन को परमात्मा में एकाग्र करते हैं और श्रद्धा पूर्वक परमात्मा की पूजा करने में लगे रहते हैं, वे परम सिद्ध माने जाते हैं. जिससे किसी को कष्ट नहीं पहुंचता, जो अन्य किसी के द्वारा विचलित नहीं किया जाता, जो सुख-दुख में, भय तथा चिन्ता में समभाव रहता है, वह ईश्वर को प्रिय है. Geeta Quotes. Geeta Sar. Motivational Quotes. Aaj Ki Prerna . Geeta Gyan

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गीता सार

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Published : Dec 22, 2022, 6:00 AM IST

Updated : Dec 22, 2022, 12:32 PM IST

गीता सार

जिस प्रकार सूर्य अकेले इस सारे ब्रह्माण्ड को प्रकाशित करता है, उसी प्रकार शरीर के भीतर स्थित एक आत्मा सारे शरीर को चेतना से प्रकाशित करता है. जो लोग अपने मन को परमात्मा में एकाग्र करते हैं और अत्यन्त श्रद्धा पूर्वक परमात्मा की पूजा करने में सदैव लगे रहते हैं, वे परम सिद्ध माने जाते हैं. जिससे किसी को कष्ट नहीं पहुंचता तथा जो अन्य किसी के द्वारा विचलित नहीं किया जाता, जो सुख-दुख में, भय तथा चिन्ता में समभाव रहता है, वह ईश्वर को अत्यंत प्रिय है. Geeta Quotes. Geeta Sar. Motivational Quotes. Aaj Ki Prerna . Geeta Gyan

तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया जो आज तुम्हारा है, वह कल किसी और का होगा क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है. फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है. तेरा-मेरा, छोटा-बड़ा, अपना-पराया मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो. प्रबुद्ध व्यक्ति सिवाय ईश्वर के किसी और पर निर्भर नहीं रहता. तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया जो आज तुम्हारा है, वह कल किसी और का होगा क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है. अपने अनिवार्य काम करो क्योंकि वास्तव में कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है.

Last Updated : Dec 22, 2022, 12:32 PM IST

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