रायपुर : कांग्रेस के वेटरन लीडर मोतीलाल वोरा के निधन से सियासी गलियारों में शोक की लहर है. सोमवार को दिल्ली के निजी अस्पताल में मोतीलाल वोरा का निधन हो गया. वह 92 साल के थे. मोतीलाल वोरा का मंगलवार को दुर्ग में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. उनके निधन पर छत्तीसगढ़ सरकार ने तीन दिन राजकीय शोक घोषित किया है.
कांग्रेस के अमिट हस्ताक्षर, कालजयी स्तम्भ और हरदिल अजीज मोतीलाल वोरा पंचतत्व में विलीन हो गए. बड़े बेटे अरविंद वोरा ने मुखाग्नि दी. दुर्ग के शिवनाथ नदी में बने मुक्तिधाम में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. अपने नेता की अंतिम यात्रा देखने जुटे लोग बेहद भावुक और गमगीन नजर आए. इस पल के साक्षी बने हर शख्स की आंखें भर आईं.
मोतीलाल वोरा असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे. यही वजह है कि उनकी पार्टी के नेता ही नहीं विचारधारा को लेकर मतभेद के बावजूद विपक्षी दलों के बड़े नेता भी इस जननेता के आखिरी दर्शन के लिए पहुंचे. इसमें बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ छत्तीसगढ़ बीजेपी के तमाम नेता शामिल रहें.
बीजेपी के नेताओं के साथ भूपेश कैबिनेट के सभी मंत्री और विधायक उनके आवास पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी. उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत और महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत भी श्रद्धांजलि देने पहुंचे.
जानकारी के अनुसार मंगलवार सुबह 9.30 बजे मोतीलाल वोरा का पार्थिव शरीर दिल्ली से रायपुर लाया गया. रायपुर के राजीव भवन में मोतीलाल वोरा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था, जहां प्रदेश के नेता और कार्यकर्ताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, मोतीलाल वोरा के निधन से कांग्रेस पार्टी के हर एक नेता, हर एक कार्यकर्ता को व्यक्तिगत तौर पर दुःख है. वह कांग्रेस की विचारधारा के प्रति निष्ठा, समर्पण और धैर्य के प्रतीक थे. 92 साल की उम्र में भी हर मीटिंग में उनकी मौजूदगी रही, हर निर्णय पर उन्होंने अपने विचार खुलकर प्रकट किए.
उन्होंने आगे ट्वीट किया, आज दुःख भरे दिल से उन्हें अलविदा कहते हुए यह महसूस हो रहा है कि परिवार के एक बड़े बुजुर्ग सदस्य चले गए हैं. हम सब उन्हें बहुत याद करेंगे. कांग्रेस नेता जयराम रमेश और पवन खेड़ा ने भी ट्वीट कर वोरा के निधन पर शोक व्यक्त किया.
मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त किया