नई दिल्ली :उत्तर पूर्व दिल्ली में पिछले साल फरवरी के अंत में हुए सांप्रदायिक दंगों के सिलसिले में गिरफ्तार पिंजरा तोड़ की कार्यकर्ता देवांगना कालिता को उच्च न्यायालय से मंगलवार को जमानत मिलने के बाद उनकी मां ने कहा कि यह उन्हें जन्मदिन का जबर्दस्त तोहफा मिला है.
कल्पना कालिता ने कहा कि उनकी बेटी देवांगना का जन्मदिन 18 जून को है और जमानत मिलने का इससे अच्छा समय नहीं हो सकता था. उन्होंने असम के डिब्रुगढ़ के अपने गृहनगर से मीडिया को फोन पर बताया, 'जन्मदिन से पहले, यह हमारे लिए एक जबर्दस्त तोहफा है. पिछले जन्मदिन पर वह जेल में थी. हम उन्हें शुभकामनाएं भी नहीं दे सके थे. उस समय हमारे वकील भी उनसे मिल नहीं सके थे और न ही उनसे बात कर सके थे.'
कल्पना ने 23 मई 2020 के उस दिन को याद किया जब देवांगना को पिंजरा तोड़ की साथी कार्यकर्ता नताशा नरवाल के साथ गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने कहा, ' दोपहर करीब ढाई बजे, हमने उनसे वीडियो कॉल पर बात की थी. हमें पता था कि एसआईटी उनसे पूछताछ करने आ रही है. दोपहर तीन बजे एसआईटी आई और शाम छह बजे उन्हें गिरफ्तार कर जाफराबाद थाने ले गई और फिर उन्हें कई अन्य थानों में ले जाया गया.'
दोनों को दंगों के संबंध में बड़ी साजिश रचने के आरोप में सख्त गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत गिरफ्तार किया गया था.
पिछले साल फरवरी में, देवांगना के पिता ने उन्हें आखिरी बार देखा था, जबकि कल्पना और उनके बेटे ने उन्हें एक साल से अधिक समय से नहीं देखा है.
देवांगना की मां ने कहा, 'वह उस दौरान जाफराबाद में धरना प्रदर्शन में व्यस्त थीं. उन्होंने अपने पिता से कहा था कि वह बहुत व्यस्त हैं. अगर हम चुप रहेंगे तो विरोध कौन करेगा?'
कल्पना ने कहा कि उन्होंने एक साल बाद मंगलवार को अपनी बेटी की आवाज सुनी और और एक मिनट की बातचीत के दौरान देवंगाना ने उनसे कहा कि उन्हें जमानत मिल गई है.