भरतपुर.राजस्थान के भरतपुर के 'अपना घर आश्रम' में बुधवार को सालों पहले बिछड़े मां-बेटे का मिलन हुआ. 15 साल पहले लापता हुई मां रजनी के कुशल होने की सूचना मिलने पर बिहार के सिवान जिले में रह रहा बेटा विनोद अपनी बहन और बहनोई के साथ राजस्थान पहुंचा और बुधवार को खुशी-खुशी मां के साथ वापस लौटा.
15 साल पहले हुई थी लापता : बिहार के सिवान जिले के गांव सागरा निवासी विनोद ने बताया कि वह महज 15 साल का था, जब उसकी मां रजनी घर से लापता हो गई थी. रजनी मानसिक रूप से विमंदित थी. परिजनों ने रजनी की बहुत तलाश की, लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला. पिता ने उसे छोड़कर दूसरी शादी कर ली और वह अलग रहने लगे. इसी गम में उसके दादा-दादी और नानी भी चल बसीं.
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छोड़ दी थी मां के जिंदा होने की उम्मीद:विनोद ने बताया कि उसने यह उम्मीद छोड़ दी थी कि अब उसकी मां जिंदा है, लेकिन 15 साल बाद जब पुलिस के माध्यम से उन्हें सूचना मिली कि उनकी मां जिंदा है और भरतपुर के अपना घर आश्रम में रह रहीं हैं, तो खुशी का ठिकाना न रहा. बुधवार को विनोद अपनी बहन और बहनोई के साथ अपना घर आश्रम पहुंचा और अपनी मां को साथ लेकर गांव लौट गया.
अपना घर आश्रम की अध्यक्ष बबीता गुलाटी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के कागारौल पुलिस थानाधिकारी ने महिला प्रभुजन रजनी को अपना घर भरतपुर में सेवा और उपचार के लिए भर्ती कराया था. यहां रजनी का उपचार और सेवा नियमित रूप से किया गया. मानसिक स्थिति ठीक होने पर उनसे घर का पता पूछा और अपना घर की पुर्नवास टीम ने संबंधित थाने में यह सूचना दे दी. बुधवार को रजनी का बेटा विनोद, बेटी विद्यावती मां को लेकर गांव लौट गए.