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International Women's Day 2023 : ये हैं देश की राजनीति में सर्वाधिक सफल महिलाएं, हमेशा किया जाएगा याद

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की तैयारियां चल रही हैं, लेकिन हमारे देश की राजनीति में इन 14 महिलाओं को खास कारणों से याद किया जाता है. आप एक क्लिक में इनके बारे में जान सकते हैं.....

Most Successful women of the Indian Politics
देश की राजनीति की सर्वाधिक सफल महिलाएं

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Published : Mar 4, 2023, 4:59 AM IST

नई दिल्ली :आगामी 8 मार्च को पूरे विश्व में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाएगा. इस दौरान पूरी दुनिया में ऐसी महिलाओं को याद किया जाता है, जिन्होंने लीक से हटकर बड़ा काम किया है. या फिर देश दुनिया में अपनी प्रतिभा के दम पर अपनी पहचान बनायी है. आज महिला दिवस के दौरान महिलाओं के देश और समाज के प्रति किए गए योगदान को याद किया जाता है तथा महिला सशक्तिकरण की चर्चा की जाती है.

इस मौके पर हम आपको भारतीय राजनीति में सफल उन महिलाओं के बारे में जानकारी दे रहे हैं, जिन्होंने अपनी कार्यशैली और कार्यक्षमता के बल पर देश में एक मुकाम हासिल किया और आज भी उनको लोग उनके कार्यों को याद करते हैं. इन महिलाओं में वैसी भी कई महिलाएं शामिल हैं, जो आज हमारे बीच जीवित नहीं हैं, लेकिन उनके कार्यों की वजह से उनको हमेशा याद किया जाता रहेगा. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हमारे देश की राजनीति में सर्वोच्च मुकाम हासिल करने वाली महिला से लेकर देश की संसद या विधानसभाओं में अपनी आवाज बुलंद करने वाले महिलाओं के बारे में जानकारी देने की कोशिश की जा रही है...

इंदिरा गांधी

1. इंदिरा प्रियदर्शनी -हमारे देश की राजनीति में चर्चित महिलाओं में सबसे बड़ा नाम देश के पूर्व प्रधानमंत्री और आयरन लेडी के रूप में चर्चित इंदिरा गांधी का है, जिन्होंने अपनी मजबूत इच्छाशक्ति व कार्यशैली से कई सालों कर देश की प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया. इनको देश की पहली और अबतक की इकलौती प्रधानमंत्री होने का गौरव प्राप्त है. इंदिरा गांधी ने पार्टी में भी एक खास पहचान बनाई. इंदिरा गांधी ने देश राजनीति में कई ऐसे कार्य किए, जिनको लोग समय समय पर याद करते हैं. पाकिस्तान के दो टुकड़े करने के लिए इंदिरा गांधी को हमेशा याद किया जाता रहेगा.

द्रौपदी मुर्मू

2. द्रौपदी मुर्मू- देश की पहली दलित और आदिवासी राष्ट्रपति होने का गौरव हासिल है. देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाले वह पहले आदिवासी महिला हैं, जिन्हें भारतीय जनता पार्टी ने शीर्षतम पह पर पहुंचाया है. द्रोपदी मुर्मू का राजनीतिक सफर 2000 में विधायक के रुप में शुरू हुआ था. 2002 में नवीन पटनायक की सरकार में फिशरी एवं एनिमल रिसोर्स डेवलपमेंट मंत्रालय की राज्यमंत्री बनाई गई थीं. कुछ दिनों बाद इनको भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गयीं. इसके बाद वह झारखंड की गवर्नर के रूप में कार्य किया. उनको 18 मई 2015 से 12 जुलाई 2021 तक झारखंड का राज्यपाल बनाया गया था. फिर देश की 15वीं राष्ट्रपति बनकर सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी महिला बन गईं.

सुषमा स्वराज

3. सुषमा स्वराज- सुषमा स्वराज भारतीय जनता पार्टी की उन सशक्त नेताओं में शामिल थीं, जिन्होंने पार्टी की स्थापना से लेकर उसे शीर्ष तक पहुंचाने में मेहनत की. भारतीय जनता पार्टी के स्तंभ पुरुष कहे जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर भारतीय जनता पार्टी को देश की राजनीति में मजबूत तरीके से उभारने में सुषमा स्वराज का खास रोल था. वह पार्टी की महिला नेताओं में शीर्ष थीं. इन्होंने भारतीय जनता पार्टी के द्वारा बनाई गई हर सरकार में महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाला. सुषमा स्वराज ने विपक्ष के नेता की भी भूमिका निभाई तथा दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में भी कुछ समय तक कार्य किया. सुषमा स्वराज के द्वारा विदेश मंत्रालय, सूचना प्रसारण मंत्रालय समेत तमाम मंत्रालयों में किए गए कार्यों को लोग आज भी याद करते हैं.

निर्मला सीतारमण

4. निर्मला सीतारमण- निर्मला सीतारमण देश की ऐसी पहली वित्त मंत्री कहा जाता है, जिन्होंने फुल टाइम वित्त मंत्री के रूप में अपना बजट पेश किया. उन्होंने अपना राजनीतिक सफर 2006 में भारतीय जनता पार्टी के साथ शुरू किया और मोदी सरकार में पहले रक्षा मंत्री और फिर वित्त मंत्री बन कर अपनी क्षमता और कार्यशैली का परिचय दिया. निर्मला सीतारमण को फोर्ब्स की एनुअल लिस्ट में विश्व की 100 मोस्ट पावरफुल महिलाओं में स्थान दिया गया था.

सोनिया गांधी

5. सोनिया गांधी- सोनिया गांधी को हमारे देश में एक सशक्त राजनीतिक महिला के रूप में जाना जाता है. राजीव गांधी की पत्नी के रूप में नेहरू गांधी परिवार में आयीं सोनिया गांधी ने राजीव गांधी की हत्या के काफी दिन बाद पार्टी के लोगों के अनुरोध पर न सिर्फ कांग्रेस पार्टी की बागडोर संभाली, बल्कि कांग्रेस पार्टी की सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रहने वाली महिला के रूप में भी अपनी पहचान बनाई. उन्होंने कांग्रेस के शासन के दौरान यूनाइटेड प्रोगेसिव एलाइंस (यूपीए) की चेयरपर्सन के रूप में भी काम किया. वह कांग्रेस को एकजुट रखने में असफल रहीं. उनके कार्यकाल में कई पार्टी नेताओं ने पार्टी को छोड़कर अपना अलग राजनीतिक दल बनाया और सभी अपने अपने राज्यों में काफी मजबूत स्थिति में हैं.

सुमित्रा महाजन

6. सुमित्रा महाजन- सुमित्रा महाजन को भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिना जाता है और प्यार से लोग उन्हे ताई कहकर बुलाते हैं. पार्टी की राजनीति में उन्होंने एक बड़ा मुकाम हासिल किया और बड़ी पहचान बनाई. सुमित्रा महाजन पहली बार 1989 में इंदौर लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के सांसद चुनी गयी थीं. तब से लेकर उन्होंने लगातार आठ बार लोकसभा का चुनाव जीता है. वह ऐसा कारनामा करने वाली इकलौती महिला सांसद हैं, जिन्होंने एक ही लोकसभा सीट से लगातार आठ बार चुनाव जीता है. इसके बाद 2014 से 2019 के दौरान भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर उनको लोकसभा का अध्यक्ष बनाया गया था.

मीरा कुमार

7. मीरा कुमार- मीरा कुमार को कांग्रेस पार्टी का दलित चेहरा माना जाता है. वह कांग्रेस पार्टी के प्रमुख नेताओं में शुमार हैं. मीरा कुमार ने 15वीं लोकसभा में बिहार की सासाराम लोकसभा सीट से सांसद बनकर लोकसभा में प्रवेश किया था. वह 2009 से 2014 तक लोकसभा की पहली महिला स्पीकर बनायी गयीं थीं. इसके बाद 2017 में हुए राष्ट्रपति के चुनाव में यूपीए की उम्मीदवार के रूप में उन्होंने रामनाथ कोविंद के विरुद्ध चुनाव लड़ा, जिसमें उनको केवल 34% मत हासिल हुए.

शीला दीक्षित

8. शीला दीक्षित- शीला दीक्षित को कांग्रेस पार्टी की एक मजबूत व सशक्त महिला नेता माना जाता था. उन्होंने दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सरकार को उखाड़कर लगातार तीन बार कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाई और वह 1998 से 2013 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहीं. इसके बाद चुनाव में हार के बाद शीला दीक्षित को 11 मार्च 2014 को केरल का गवर्नर बनाया गया था, लेकिन 25 अगस्त 2014 को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.

ममता बनर्जी

9. ममता बनर्जी- ममता बनर्जी को भी देश के राजनीतिक क्षेत्र की सशक्त महिलाओं में गिना जाता है. कांग्रेस पार्टी से अपना राजनीतिक कैरियर शुरू करने के बाद उन्होंने अपनी एक अलग पार्टी बनाई और देश के राजनीतिक क्षेत्र में एक बड़ी पहचान कायम की. केंद्र सरकार में रेल मंत्री और पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं. आपको बता दें कि ममता बनर्जी ने बंगाल से 34 साल पुरानी वामपंथी सरकार को उखाड़ फेंका और तब से लेकर आज तक वह मुख्यमंत्री के रूप में पश्चिम बंगाल में कायम हैं. भारतीय जनता पार्टी की तमाम कोशिशों के बावजूद की वह पश्चिम बंगाल में अपनी राजनीतिक पकड़ को बरकरार रखने में सफल रही हैं.

जयललिता

10. जयललिता- जयललिता को दक्षिण भारतीय राजनीति में बड़ा नाम माना जाता है, जिन्होंने फिल्मी कैरियर के बाद अपना राजनीतिक करियर स्टार्ट किया, लेकिन राजनीति में भी उन्होंने एक बड़ा मुकाम हासिल किया. उन्होंने तमिलनाडु में लगभग 14 सालों से भी अधिक समय तक मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली और राजनीतिक और सामाजिक उत्थान के लिए कई बड़ी परियोजनाओं को शुरू करवाया. वह समय समय पर गैर कांग्रेसी और गैर भाजपाई सरकारों को भी मुद्दों पर आधारित समर्थन दिया.

मायावती

11. मायावती- मायावती को देश की दलित राजनीति का नेता माना जाता है. कांशीराम के मिशन को आगे बढ़ाते हुए मायावती ने उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की मुखिया के रूप में चार बार मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाली. मायावती ने दलितों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलायीं. साथ ही साथ दलित समाज के महापुरुषों के नाम पर कई संस्थानों व प्रतिष्ठानों का निर्माण किया है. दलित समाज के कई महापुरुषों के नाम पर सार्वजनिक स्थलों पर खूब प्रतिमाएं भी लगवायीं. हालांकि इसकी वजह से उनकी राजनीतिक आलोचना भी हुई, लेकिन उन्होंने इसकी कोई परवाह ही नहीं की और अपने समाज के लोगों के लिए खूब काम किया.

वसुंधरा राजे सिंधिया

12. वसुंधरा राजे सिंधिया- वसुंधरा राजे सिंधिया को राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री होने का गौरव हासिल है. भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता राजमाता विजयाराजे सिंधिया की बेटी वसुंधरा राजे सिंधिया ने अपने माता के कदमों पर चलते हुए भारतीय जनता पार्टी के साथ अपनी राजनीतिक पारी शुरू की और वह दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री बनीं. वह आज भी भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिनी जाती हैं और राजस्थान की राजनीति में उनको एक महत्वपूर्ण स्थान हासिल है.

जया बच्चन

13. जया बच्चन- जया बच्चन को वैसे तो लोग फिल्म अभिनेत्री के रूप में जानते हैं और पहचानते हैं, लेकिन जया बच्चन ने अब एक सक्रिय राजनेता के रूप में भी अपना एक लंबा समय बिताया है. जया भादुड़ी बच्चन लगातार तीन बार समाजवादी पार्टी की ओर से राज्यसभा में सांसद बनाकर भेजी गयी हैं. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 2004 में समाजवादी पार्टी के साथ की थी. उसके बाद से वह लगातार राज्यसभा की सांसद बनी हुई हैं. अमर सिंह के सपा के साथ मतभेद के बाद भी जया ने सपा का साथ नहीं छोड़ा.

सुप्रिया सुले

14. सुप्रिया सुले- सुप्रिया सुले मराठा राजनीति में एक मजबूत महिला राजनीतिज्ञ के रूप में जाना जाता है. शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने कई सांसद के रूप में बारामती लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है. 2009 में उन्होंने पहली बार बारामती लोकसभा से चुनाव जीता था और उसके बाद वह लगातार 15वीं में 16वीं और 17वीं लोकसभा सीट के लिए चुनाव जीतती रही हैं.

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