नई दिल्ली : संसद का हंगामेदार मानसून सत्र शुक्रवार को अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया और इस दौरान मणिपुर मुद्दे को लेकर लोकसभा एवं राज्यसभा में लगातार गतिरोध बना रहा. हालांकि, लोकसभा में विपक्ष द्वारा लाये गये अविश्वास प्रस्ताव पर सत्ता पक्ष एवं विपक्षी दलों के सदस्यों ने एक दूसरे पर जमकर तीर चलाये किंतु बाद में यह खारिज हो गया तथा सत्र के दौरान सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित करवाने में कामयाब रही.
कितना हुआ कामकाज -बीस जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र के दौरान मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयान और चर्चा कराये जाने की मांग सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण लोकसभा में कुल 46 प्रतिशत कामकाज हुआ वहीं राज्यसभा में व्यवधानों के कारण 50 घंटे और 21 मिनट बर्बाद हुए.
किनका हुआ निलंबन- मानसून सत्र के दौरान अशोभनीय एवं नियम विरुद्ध आचरण के कारण लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी एवं आम आदमी पार्टी के एकमात्र सदस्य सुशील कुमार रिंकू, वहीं राज्यसभा में आप के संजय सिंह एवं राघव चड्ढा को निलंबित कर दिया गया. वैसे राज्यसभा में कांग्रेस की निलंबित चल रही सदस्य रजनी पाटिल का निलंबन समाप्त कर दिया गया और उन्हें सदन की कार्यवाही में भाग लेने का मौका दिया गया.
कितनी बैठकें हुईं- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने निचले सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा से पहले बताया कि सत्र के दौरान 17 बैठक हुईं जिनमें 44 घंटे 13 मिनट कामकाज हुआ. उन्होंने कहा कि मानसून सत्र में लोकसभा की कार्य उत्पादकता करीब 46 प्रतिशत रही.
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने उच्च सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने से पहले अपने पारंपरिक संबोधन में कहा, 'एक बार फिर, हम संकीर्ण हितों के आकर्षण में आ गए और सदन में अव्यवस्था को सामान्य बात होने दिया. ऐसा लगता है कि मेरी अपीलों का सदस्यों पर अच्छा प्रभाव नहीं पड़ा.' धनखड़ ने कहा कि सदन में बार-बार व्यवधान से स्पष्ट होता है कि उनके संदेश पर अपेक्षित गंभीरता से विचार नहीं किया गया.
कितने विधेयक हुए पारित - सत्र के दौरान दोनों सदनों में पारित किये गए महत्वपूर्ण विधेयकों में बहु राज्य सहकारी सोसाइटी संशोधन विधेयक 2023, डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक 2023, राष्ट्रीय परिचर्या और प्रसूति विद्या आयोग विधेयक 2023, राष्ट्रीय दंत चिकित्सा आयोग विधेयक 2023, जन विश्वास उपबंधों का संशोधन विधेयक 2023, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी राज्य क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023 और अंतर सेना संगठन कमान, नियंत्रण और अनुशासन विधेयक 2023 शामिल हैं.