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मंत्री ने सरकार की ओर से एप्पल को निशाना बनाने वाली खबर का किया खंडन, कहा- अधपकी और भयानक रिपोर्ट - भारतीय सरकार

Phone Hacking Controversy: केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने गुरुवार को उस मीडिया रिपोर्ट का जोरदार खंडन किया, जिसमें दावा किया गया था कि भारत सरकार ने फोन हैकिंग अधिसूचनाओं को लेकर एप्पल को निशाना बनाया है. उन्होंने कहा कि यह एप्पल को बताना है कि क्या उनके उपकरण असुरक्षित हैं और ऐसे अलर्ट किन कारणों से जारी हुए.

Phone Hacking Controversy
राजीव चन्द्रशेखर

By ANI

Published : Dec 29, 2023, 10:40 AM IST

नई दिल्ली : केंद्र ने भारत सरकार पर कथित तौर पर एप्पल को निशाना बनाने वाली 'द वाशिंगटन पोस्ट' की रिपोर्ट का खंडन किया है. अमेरिकी अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कंपनी ने स्वतंत्र भारतीय पत्रकारों और विपक्षी दल के राजनेताओं को चेतावनी दी थी कि सरकारी हैकरों ने उनके आईफोन में सेंध लगाने की कोशिश की होगी. इस रिपोर्ट के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अखबार की रिपोर्ट को 'भयानक' और 'थकाऊ' कहा है.

वाशिंगटन पोस्ट ने 27 दिसंबर को एमनेस्टी के सहयोग से एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. जिसमें दावा किया गया है कि कुछ पत्रकारों को उनके आईफोन पर स्पाइवेयर से निशाना बनाया गया था. जिसकी जानकारी अक्टूबर के महीने में सामने आयी थी.

रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर में ऐप्पल ने स्वतंत्र भारतीय पत्रकारों और विपक्षी पार्टी के राजनेताओं को चेतावनी दी थी कि सरकारी हैकरों ने शायद उनके आईफोन में सेंध लगाने की कोशिश की है. जिसके एक दिन बाद पीएमओ के अधिकारियों ने तुरंत ऐप्पल के खिलाफ कार्रवाई की.

राजीव चन्द्रशेखर ने चिंता जताई है और इस बात पर जोर दिया है कि खबर के बाकी हिस्से में ऐप्पल की प्रतिक्रिया शामिल है, जो 31 अक्टूबर को आई थी. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में 31 अक्टूबर को धमकी की अधिसूचना के अगले दिन आयी ऐप्पल की प्रतिक्रिया नहीं जोड़ी गई है. चन्द्रशेखर ने एपल्ल की प्रतिक्रिया का हवाला दिया. जिसमें कहा गया था कि Apple किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित सेंधमारी को खतरे की सूचनाओं का श्रेय नहीं देता है. एप्पल ने कहा था कि कुछ सूचनाएं गलत अलार्म हो सकती हैं या उनका पता नहीं लगाया जा सकता है.

एप्पल के अनुसार, कंपनी किसी विशिष्ट राज्य-प्रायोजित हमलावर को खतरे की सूचनाओं का श्रेय नहीं देती है. राज्य-प्रायोजित हमलावर बहुत अच्छी तरह से वित्त पोषित और परिष्कृत हैं, और उनके हमले समय के साथ विकसित होते हैं. ऐसे हमलों का पता लगाना खतरे के खुफिया संकेतों पर निर्भर करता है जो अक्सर अपूर्ण होते हैं.

राजीव चन्द्रशेखर ने बताया कि एप्पल को CERT-In के साथ पूछताछ में शामिल होने के लिए कहा गया था. एप्पल अलर्ट से संबंधित पूछताछ जारी है. एप्पल ने पिछले महीने कुछ भारतीय राजनेताओं को धमकी भरे नोटिफिकेशन मिलने के मुद्दे की गहराई से जांच करने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम भेजी थी, जिसमें उन्हें राज्य प्रायोजित हैकरों की ओर से उनके उपकरणों को निशाना बनाने की चेतावनी दी गई थी.

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