पाली (राजस्थान) : जिले के रोहट उपखंड के विभिन्न गांवों में पिछले एक माह से राष्ट्रीय पक्षी मोर के मौत का सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है. पशु चिकित्सा विभाग की ओर से कई बार इन मृत मोरों के सैंपल को भोपाल जांच के लिए भी भेजा जा चुका है, लेकिन वहां भी इनकी मौत के कारण की पुष्टि नहीं हो पाई.
लगातार हो रही है इन मोरों की मौतों के चलते प्रशासन ने सोमवार को विशेषज्ञों की टीम को पाली बुलवाया. इन विशेषज्ञों द्वारा जांच करने पर मोरों की मौत के पीछे रानीखेत बीमारी को माना गया. जिसकी पशु चिकित्सकों ने पुष्टि भी कर दी है. इन मोरों की मौत को रोकने के लिए वैक्सीन को जरिया बताया गया है.
जानकारी के अनुसार, मोरों की मौत के कारणों का पता नहीं चलने और वन्यजीव प्रेमियों में लगातार बढ़ रहे आक्रोश को देखते हुए पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. चक्रवती गौतम ने राज्य को कुक्कुट प्रशिक्षण संस्थान अजमेर के वरिष्ठ पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक खरे को रोहट बुलाया था. डॉ. खरे ने इन मोरों के बारे में जानकारी जुटाई, जिसके बाद मृत मोरों की जांच कराई गई.