रेवाड़ी : कोरोना महामारी में हर कदम फूंक-फूंक कर रखना जरूरी है. जरा सी चूक हुई कि कोई भी इस जानलेवा बीमारी की चपेट में आ सकता है. पिछले आठ महीनों से लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, ताकि सभी मिल कर इस महामारी को हरा सकें, लेकिन सावधानी के साथ जिंदगी की गति भी जरूरी है, व्यापार भी जरूरी है और शिक्षा भी जरूरी है. कोरोना से डर कर बच्चों के भविष्य को बर्बाद नहीं किया जा सकता है. ऐसे में हरियाणा सरकार ने तमाम कोरोना गाइडलाइंस के साथ 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूलों को खोलने का आदेश दिया, लेकिन हुआ वही जिसका डर था. स्कूल खुलने के महज दो हफ्तों में ही रेवाड़ी जिले में एक साथ 72 बच्चे कोरोना संक्रमित मिले.
संक्रमण फैलने के बाद 14 दिनों के लिए स्कूल बंद
विद्यार्थियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप की स्थिति है. इस बारे में हमारी टीम ने रेवाड़ी शिक्षा विभाग के प्रवक्ता अशोक नामवाला से सवाल किया कि स्कूलों से संक्रमण के मामले सामने आने की क्या वजह रही. क्या स्कूलों में सरकार के गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया गया? इस पर अशोक नामवाला का कहना है कि इस बारे में हम पता कर रहे हैं. फिलहाल, शिक्षा विभाग ने जिन स्कूलों में बच्चे संक्रमित मिले हैं, उन्हें 14 दिनों तक सैनिटाइजेशन के लिए बंद रखने का फैसला लिया है. वहीं संक्रमित बच्चों के परिजनों की भी जांच की जा रही है.
स्कूल और सरकार करे अच्छे प्रबंध- छात्रा
अभी जिले के स्कूलों में कोरोना संक्रमण होना पूरे राज्य में चर्चा का विषय है, लेकिन यहां खुले सरकारी स्कूलों में अभी भी नियमों को ताक पर रखा जा रहा है. राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में पढ़ाई कर रही इन छात्राओं के लिए सीटिंग प्लान तो छोड़ो सही से बैठने की व्यवस्था भी नहीं है. छात्राएं एक दूसरे से चिपक कर बैठी हैं, ऐसे में विद्यार्थियों के बीच संक्रमण रोक पाना असंभव है. रेवाड़ी के सरकारी स्कूल में पढ़ रही छात्रा तान्या शर्मा का कहना है कि आजकल संक्रमण की वजह से डर का माहौल है, लेकिन पढ़ाई भी जरूरी है. इसलिए सरकार और प्रशासन को व्यापक प्रबंध करना चाहिए.
कोरोना का डर तो है, लेकिन पढ़ाई भी जरूरी- अभिभावक