हैदराबाद: पृथ्वी की सतह के सिर्फ 2 प्रतिशत हिस्से पर फैले इन शहरों का जलवायु संकट में काफी बड़ा योगदान है. बता दें कि वर्तमान शहरी जीएचजी शमन लक्ष्य इस सदी के अंत तक वैश्विक जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं.
वर्तमान समय में वैश्विक आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा शहरों में रहता है. शहरों को 70 प्रतिशत से अधिक जीएचजी के उत्सर्जन के लिए जिम्मेदार बताया जाता है और वैश्विक अर्थव्यवस्था के डीकाबोर्नाइजेशन में इनकी एक बड़ी जिम्मेदारी है.
निष्कर्षों से पता चला कि 42 शहरों के पास समय-श्रृंखला का पता लगाने योग्य डेटा था. इनमें से 30 में अध्ययन के दौरान वार्षिक जीएचजी उत्सर्जन में कमी देखी गई. हालांकि कई शहरों में उत्सर्जन में वृद्धि भी देखी गई.
परिणामों से पता चला कि विकसित और विकासशील दोनों देशों में कई ऐसे शहर हैं, जिनसे भारी मात्रा में जीएचजी का उत्सर्जन होता है, लेकिन एशिया में मेगासिटी (जैसे चीन में शंघाई और जापान में टोक्यो) विशेष रूप से इसके लिए जिम्मेदार हैं. परिणामों से पता चला कि विकसित और विकासशील दोनों देशों में उच्च कुल GHG उत्सर्जन वाले शहर हैं, लेकिन एशिया में मेगासिटी (जैसे चीन में शंघाई और जापान में टोक्यो) विशेष रूप से महत्वपूर्ण उत्सर्जक थे.