नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union Health Ministry) के बयान के अनुसार पहले दिन कुल 82 लाख वैक्सीन खुराकें दी (82 lakh vaccine doses given) गईं. एहतियाती खुराक देने की शुरुआत के पहले दिन बड़ी संख्या में वरिष्ठ नागरिकों, स्वास्थ्य कर्मियों ने खुराक ली है.
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में तेज वृद्धि (Sharp increase in cases of corona virus infection) के बीच सोमवार को कोविड-19 रोधी टीके की एहतियाती खुराक देने की शुरुआत हुई. एहतियाती खुराक लेने के लिए 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों और स्वास्थ्यकर्मियों के साथ ही अग्रिम मोर्चे के बड़ी संख्या में कर्मी पंक्तियों में इसके लिए खड़े हुए.
विभिन्न हिस्सों में लगेगी डोज
बर्फबारी, तापमान में गिरावट और कुछ स्थानों पर वर्षा या अन्य जगहों पर तेज धूप के बीच देश के विभिन्न हिस्सों में लोग टीका केंद्रों के बाद टीके की खुराक लेने के लिए पंक्तियों में खड़े दिखे. स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि अनुमानित स्वास्थ्य सेवा से 1.05 करोड़ कर्मियों और अग्रिम मोर्चे के 1.9 करोड़ कर्मियों जबकि अन्य बीमारियों से पीड़ित 60 से अधिक आयु के 2.75 करोड़ व्यक्ति तीसरी खुराक के लिए लक्षित आबादी में शामिल हैं.
तीसरी खुराक दिए जाने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 24 दिसंबर को की गई थी और इसे देने की शुरुआत उसके 17 दिन बाद हुई है. राष्ट्रीय राजधानी में करीब तीन लाख लोग कोविड-19 रोधी टीके की तीसरी बूस्टर खुराक लेने के लिए पात्र हैं जिन्होंने नौ महीने पहले अपनी दूसरी खुराक ली थी.
संक्रमण के जोखिम वाली आबादी में चुनाव ड्यूटी के लिए तैनात कर्मी भी शामिल हैं. इन लोगों को कोविड-19 रोधी उसी टीके की एहतियाती खुराक दी जाएगी जो उन्होंने 39 सप्ताह पहले लिया था. मौजूदा कोविन अकाउंट पर इसके लिए स्लॉट बुक किया जा सकता है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने ट्विटर पर कहा कि राज्य में दोपहर तक 91648 एहतियाती खुराक दी जा चुकी हैं.
गुजरात में 3500 टीकाकरण केंद्र
गुजरात में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल अभियान की शुरुआत के समय राजधानी गांधीनगर के एक शहरी स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद थे. मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि उद्देश्य लगभग 3500 टीकाकरण केंद्रों में नौ लाख पात्र लोगों को कवर करना है, जहां 17000 से अधिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को इस उद्देश्य के लिए लगाया जाएगा.
तमिलनाडु में भी शुरुआत
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन भी चेन्नई के एक केंद्र में अभियान शुरू करने के लिए मौजूद थे. राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि पात्र आबादी के लिए एहतियाती खुराक शुरू करने के लिए केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद यह अभियान शुरू किया गया है.
मध्य प्रदेश में लग रहे डोज
मध्य प्रदेश में भोपाल के कलेक्टर अविनाश लावानिया और महानिरीक्षक (भोपाल ग्रामीण) इरशाद वली उन लोगों में शामिल थे जिन्होंने राज्य की राजधानी में कलेक्टर कार्यालय में एक विशेष शिविर में एहतियाती खुराक लीं. अधिकारियों ने बताया कि भोपाल के पंडित खुशीलाल शर्मा शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय सहित राज्य के अन्य स्थानों पर भी पात्र लोगों को एहतियाती खुराक देने का अभियान जारी है.
पश्चिम बंगाल में टीकाकरण
पश्चिम बंगाल में अभियान की शुरुआत के साथ ही एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि हम कम से कम दो लाख अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों को बूस्टर खुराक देने की योजना बना रहे हैं. यह अभियान सभी टीकाकरण केंद्रों में चलाया जाएगा. वर्तमान में हमारे पास 1.4 करोड़ खुराक हैं. उम्मीद है, इससे हमें बूस्टर खुराक राज्य में संक्रमण के जोखिम वाले वरिष्ठ नागरिकों को देने में मदद मिलेगी.
अधिकारी ने जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में 22 लाख वरिष्ठ नागरिकों, 10.5 लाख स्वास्थ्य कर्मियों, 7.5 लाख अग्रिम मोर्चे के कर्मियों और 5 लाख डॉक्टरों को एहतियाती खुराक दी जानी है. राज्य के संक्रामक रोग और बेलियाघाट सामान्य अस्पताल की प्रिंसिपल डॉ अनिमा हलदर ने कहा कि चूंकि डॉक्टरों, नर्सों, पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्य सेवा और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को जनता से पहले ही कोविड-19 रोधी खुराक दे दी गई थी, इसलिए उनकी प्रतिरोधक क्षमता कम हो गई है.
ओडिशा में टीकाकरण
भुवनेश्वर में स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ओडिशा में स्पीकर एसएन पात्रो दिन के दौरान बूस्टर खुराक लेने वालों में शामिल थे. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने बूस्टर खुराक देने के लिए जिलों में 2276 सत्र स्थल स्थापित किए हैं. परिवार कल्याण निदेशक और राज्य नोडल टीकाकरण अधिकारी बिजय पाणिग्रही ने कहा कि पूरी प्रक्रिया को तेज करने के लिए प्रत्येक स्थल की टीकाकरण क्षमता में 20 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. उन्होंने कहा कि ओडिशा ने 17,52,838 लाभार्थियों को बूस्टर खुराक देने का लक्ष्य रखा है.
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अभियान के गति पकड़ने के बीच केंद्र ने सोमवार को राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को स्पष्ट किया कि कोविड टीकाकरण केंद्रों के संचालन के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है, और वे मानव संसाधन और बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के आधार पर रोजाना रात 10 बजे तक काम कर सकते हैं. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव मनोहर अगनानी ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अनुपालन सुनिश्चित करने की सलाह दी.