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छत्तीसगढ़ में हर महीने 600 से अधिक लोग कर रहे हैं आत्महत्या, जानें कारण - BJP MLA Ajay Chandrakar

विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (world suicide prevention day 2021) के रूप में मनाने के लिए बाध्य हो चुका है, क्योंकि आत्महत्या (suicide) आज एक भयावक महामारी का रूप ले चुकी है. यह ऐसी महामारी है, जिससे विश्व समुदाय को अमूल्य मानव जीवन के संरक्षण के प्रति खतरा खतरा पैदा हो चुका है. यही खतरा इन दिनों छत्तीसगढ़ पर भी मंडरा रहा है. आईये जानते हैं एक्सपर्ट की राय...

world suicide prevention day
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Published : Sep 8, 2021, 11:34 PM IST

रायपुर: 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (world suicide prevention day) के अवसर पर हम छत्तीसगढ़ में बढ़ रहे आत्महत्या के मामलों पर चर्चा करने जा रहे हैं. आज पूरा विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस (world suicide prevention day 2021) के रूप में मनाने के लिए बाध्य हो चुका है, क्योंकि आत्महत्या (suicide) आज एक भयावक महामारी का रूप ले चुकी है. यह ऐसी महामारी है, जिससे विश्व समुदाय को अमूल्य मानव जीवन के संरक्षण के प्रति खतरा खतरा पैदा हो चुका है. यही खतरा इन दिनों छत्तीसगढ़ पर भी मंडरा रहा है.

हर महीने 600 से ज्यादा लोग कर रहे हैं आत्महत्या
छत्तीसगढ़ में इन दिनों आत्महत्या के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. विधानसभा से मिली जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ में एक दिसंबर 2018 से 30 जून 2021 तक 31 महीने में कुल 19,084 लोगों ने आत्महत्या की है. इस दौरान सामूहिक हत्या (mass murder) के 94 केस दर्ज किए गए हैं. विधानसभा के मानसून सत्र (Monsoon session of Legislative Assembly) के दौरान चौथे दिन भाजपा विधायक अजय चंद्राकर (BJP MLA Ajay Chandrakar) के एक सवाल के लिखित जवाब में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू (Home Minister Tamradhwaj Sahu) ने यह जानकारी दी. इन आकड़ों पर नजर डाले तो हर महीने लगभग 600 से ज्यादा लोग आत्महत्या कर रहे हैं. इसमें सामूहिक आत्महत्या (mass murder) के मामले भी शामिल हैं.

सरकार के साथ-साथ समाज भी है जिम्मेदारी

आत्महत्या के कारणों और विभिन्न वर्गों से चर्चा
चौंकाने वाले आंकड़े सामने आने के बाद ईटीवी भारत (ETV Bharat) ने इस बात को जानने की कोशिश की कि आखिर छत्तीसगढ़ में इतनी बड़ी संख्या में लोग आत्महत्या क्यों कर रहे हैं? इसके लिए पक्ष- विपक्ष और मानसिक रोगी सहित वरिष्ठ पत्रकार से भी चर्चा की गई. उनसे पूछा कि आखिर ऐसी क्या वजह है कि प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में लोग आत्महत्या कर रहे हैं. इसे लेकर सबका अलग-अलग मत था.

बढ़ती आत्महत्या की घटनाएं चिंता का विषय: कांग्रेस
कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी (Shailesh Nitin Trivedi) का कहना है कि कांग्रेस सरकार आने के बाद सभी लोगों को शासकीय योजनाओं का लाभ मिल रहा है. लोगों का आर्थिक स्तर सुधर रहा है. लोगों के साथ आज भूपेश सरकार (Bhupesh Government) खड़ी है. लेकिन यह जरूर चिंता का विषय है कि इस सब के बावजूद छत्तीसगढ़ में इतनी बड़ी संख्या में लोग आत्महत्या कर रहे हैं. इसे रोकने सरकार हर संभव मदद करेगी.

आत्महत्या नहीं है हल: मनोचिकित्सक

आत्महत्या की घटनाओं के लिए कांग्रेस जिम्मेदार: बीजेपी
विपक्ष की बात की जाए तो विपक्ष इन आत्महत्या के लिए सीधे तौर पर कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. पूर्व मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल (MLA Brijmohan Agarwal) का आरोप है कि सत्ता पर काबिज होने के बाद कांग्रेस पार्टी (Congress Party) का खजाना भरने में जुटी है. साथ ही अपने कार्यकर्ताओं की जेबें भी भर रही है. उसे जनता की सुध नहीं है और यही कारण है कि आज जनता आत्महत्या करने पर मजबूर है.

तनाव से निजात पाने के हैं कई रास्ते, आत्महत्या नहीं है हल: मनोचिकित्सक
मनोचिकित्सक (psychiatrist) डॉक्टर जेसी अजवानी की बात किया तो उनका कहना है कि आत्महत्या के कई कारण हैं. कभी आर्थिक, शारीरिक, मानसिक, नौकरी सहित अन्य पारिवारिक समस्याओं के कारण भी लोग आत्मघाती कदम उठा लेते हैं. वर्तमान की बात की जाए तो कोरोना काल में काफी लोग तनाव में है. कई लोगों में रोजगार न होने सहित अन्य तरह की समस्याएं देखने को मिली है और इस कारण भी लोग आत्महत्या कर रहे हैं.

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मनोचिकित्सक (psychiatrist) जेसी अजवानी का कहना है कि हर व्यक्ति में किसी न किसी बात को लेकर तनाव और चिंता होती है. लेकिन उसका हल आत्महत्या (Suicide) नहीं है. ऐसी परिस्थिति में जब व्यक्ति के मन में आत्महत्या जैसे भाव आने लगे तो उसे अपनी समस्या अपने परिवार जान पहचान सगे संबंधी या दोस्तों को बतानी चाहिए हो सकता है. इससे उनकी समस्या का समाधान निकल सके. इसके बाद भी तनाव कम ना हो रहा हो तो मनोचिकित्सक से भी संपर्क किया जा सकता है. इस दौरान डॉक्टर जेसी अजवानी ने उन लोगों से भी अपील की है जो ऐसे व्यक्ति जो आत्महत्या का विचार (suicidal ideation) कर रहे हैं. उनके आसपास हैं तो वे लोग भी उस व्यक्ति की मदद कर सकते है, उनके साथ खड़े हो सकते हैं और उन्हें आत्मबल बढ़ा सकते हैं और यदि संभव हो तो किसी अच्छे मनोचिकित्सक (psychiatrist) से भी मिलवा सकते हैं. यदि ऐसा किया जाता है तो आने वाले समय में प्रदेश में आत्महत्या जैसी घटनाओं में काफी कमी आएगी.

डॉ अजवानी ने सभी वर्गों से अपील की है कि वे अपने आसपास ध्यान रखें और आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोकने अधिक से अधिक सहयोग करें.

सरकार के साथ-साथ समाज भी है जिम्मेदारी: वरिष्ठ पत्रकार
वरिष्ठ पत्रकार भी इन आत्महत्याओं के लिए कई कारण गिना रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि आत्महत्या के कई कारण हो सकते हैं. पारिवारिक कलह, रोजगार की समस्या, आर्थिक तंगी के कारण भी लोग आत्महत्या कर रहे हैं. सबसे बड़ी बात नशाखोरी (reason of drug addiction) के कारण भी आत्महत्याओं की घटनाओं में काफी बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा कई ऐसे कारण है, जिस वजह से लोग आत्महत्या कर रहे हैं.

राम अवतार तिवारी (Ram Avtar Tiwari) ने बताया कि छत्तीसगढ़ में आत्महत्या की बढ़ती घटनाएं (Increasing incidents of suicide in Chhattisgarh) कहीं न कहीं चिंता का विषय है. इसे लेकर सरकार को एक सर्वे कराना चाहिए कि आखिर क्या वजह है. सरकार द्वारा इतनी योजनाएं शुरू करने के बाद, योजनाओं का लाभ देने के बाद भी छत्तीसगढ़ के लोग आत्महत्या कर रहे हैं. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर सरकार को आगे आत्महत्या रोकने के लिए कदम उठाना चाहिए. वरिष्ट पत्रकार ने कहा कि आत्महत्या जैसी घटनाओं को रोकना सिर्फ सरकार की जवाबदारी नहीं है बल्कि समाज और आम लोगों की भी इसमें अहम भूमिका है.

बहरहाल कारण चाहे जो भी हो. लेकिन यह सच है कि छत्तीसगढ़ में आत्महत्या (suicide in chhattisgarh) की बड़ी घटना है. कहीं न कहीं सरकार सहित समाज के लोगों के लिए भी चिंता का विषय है. आखिर ऐसी क्या परिस्थिति निर्मित हो रही है कि सैकड़ों की संख्या में लोग प्रति महीने आत्महत्या कर रहे हैं. क्या इन आत्महत्याओं को रोकने के लिए कोई कारगर उपाय नहीं है या फिर इन्हें रोकने उपाय तो है. लेकिन उन पर अमल नहीं किया जा रहा है सवाल कई है जिसका जवाब मिलना बाकी है.

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