नई दिल्ली : दुनिया भर में अमीर व्यक्तियों की वित्तीय संपत्ति का खुलासा करने वाले 'पेंडोरा पेपर्स' में कारोबारियों सहित सैकड़ों धनाढ्य भारतीयों के नाम भी शामिल हैं. हालांकि इनमें से कई भारतीयों ने कुछ गलत करने के आरोपों को सिरे से खारिज किया है.
'इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स' ने यह रिपोर्ट जारी की, जो 117 देशों के 150 मीडिया संस्थानों के 600 पत्रकारों की मदद से तैयार की गई. इस रिपोर्ट को 'पेंडोरा पेपर्स' (भानुमति के पिटारे से निकले दस्तावेज) करार दिया जा रहा है, क्योंकि इसने प्रभावशाली एवं भ्रष्ट लोगों के छुपाकर रखे गए धन की जानकारी दी और बताया है कि इन लोगों ने किस प्रकार हजारों अरब डॉलर की अवैध संपत्ति को छुपाने के लिए विदेश में खातों का इस्तेमाल किया.
इस सूची में 300 से अधिक भारतीयों के नाम शामिल हैं.
अब तक सामने आए 'पेंडोरा पेपर्स' के भारतीयों की सूची में अनिल अंबानी, विनोद अडाणी, जैकी श्रॉफ, किरण मजूमदार-शॉ, नीरा राडिया, सचिन तेंदुलकर और सतीश शर्मा शामिल हैं.
ऑक्सफैम इंडिया ने 'पेंडोरा पेपर्स' का पर्दाफाश होने के बाद अधिकारियों से तत्काल कार्रवाई करने और कर चोरों के पनाहगाह (टैक्स हैवन) को खत्म करने की अपील की है.
ऑक्सफैम इंडिया के सीईओ अमिताभ बेहर ने कहा, 'कर चोरों के पनाहगाह की वजह से दुनिया भर की सरकारों को हर साल 427 अरब अमेरिकी डॉलर की चपत लगती है. इससे विकासशील देश सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. कर चोरी करने वालों के लिए पनाहगाह का उपयोग करने वाले निगम और धनी व्यक्ति उन लोगों से आगे निकल रहे हैं, जो ऐसा नहीं करते. टैक्स हैवन से अपराध और भ्रष्टाचार को फलने-फूलने में मदद मिलती है.'