वाराणसी: ज्ञानवापी परिसर में 21 जुलाई के कोर्ट के आदेश के बाद शुरू हुई सर्वे की कार्रवाई 2 नवंबर को खत्म हो चुकी है. ज्ञानवापी सर्वे (Gyanvapi Survey) की कार्रवाई ख़त्म होने के बाद अब एएसआई के अधिकारी और टीम के सदस्य रिपोर्ट तैयार करने का काम कर रहे हैं. कोर्ट के आदेश के मुताबिक 17 नवंबर तक एएसआई को अपनी रिपोर्ट कोर्ट में सबमिट करनी है. इन सबके पहले वाराणसी के जिला जज के आदेश के बाद एएसआई टीम ने ज्ञानवापी परिसर से इकट्ठा किया 300 से ज्यादा सबूतों को वाराणसी जिला अधिकारी के सुपुर्द कर दिया है. यह सारी चीजे जिलाधिकारी के निर्देश पर अपर जिला अधिकारी प्रोटोकॉल बच्चू सिंह को सुपुर्द की गई है. उन्हें सोमवार कि सुबह 10:00 बजे से लेकर मंगलवार की सुबह 10:00 बजे तक कोषागार में जमा करने के लिए कहा गया है. अब तक लगभग 250 से अधिक सामग्रियां कोषागार में डबल लॉकर के अंदर जमा की गई है जबकि कुछ अन्य साक्ष्य आज जमा होंगे. आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक साक्ष्यों में घड़ियाल व मंदिर की शिखरनुमा आकृति, दो दर्जन से ज्यादा कलश, कई खंडित प्रतिमाएं शामिल हैं. खंडित प्रतिमाओं में एक हनुमानजी की व एक प्रतिमा देवकालीन बताई जा रही है.
दरअसल, वाराणसी के ज्ञानवादी परिसर में सर्वे के दौरान बहुत सी ऐसी चीज मिली हैं, जो कोर्ट के समक्ष बड़े सबूत के तौर में पेश करने की तैयारी एएसआई की टीम कर रही है. इसमें कई साल पुरानी आकृतियां, धार्मिक चिन्ह के अंश, खिड़की दरवाजों के खराब हो चुके हिस्से, कलाकृतियों के चिन्ह और टूटी हुई कलाकृतियों के अंश के साथ ही पुरातन वक्त की मिट्टी और अन्य चीजों को कोषागार में जमा करवाया गया है.
जिलाधिकारी एस राज लिंगम को पिछले दिनों कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि यहां पर सर्वे के दौरान मिली चीजों को सुरक्षित और संरक्षित करने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी वाराणसी की है. वह अपने या अपने किसी अधिकारी को इसके लिए नियुक्त करें और समस्त चीजों को सुरक्षित तरीके से अपने पास रखवाएं. इस आदेश के मुताबिक कोषागार में डबल लॉकर को संरक्षित किया गया था.
डबल लॉकर वह प्रक्रिया है जहां पर कोषागार के महत्वपूर्ण कागजातों या फिर प्रशासनिक स्तर पर बड़े और महत्वपूर्ण कागजों को सुरक्षित और संरक्षित करने का प्रयोग किया जाता है. इस स्थान का प्रयोग कम ही होता है. इस कारण से इस जगह पर यह सारी चीज रखने की कार्रवाई की गई है जिला जज के आदेश पर यहां पर लगभग 50 से ज्यादा आकृतियां, चार छोटी बड़ी मूर्तियां, कुछ धार्मिक चिन्ह, टूटे पुरातन समय के स्तंभ, खिड़की दरवाजे की लकड़ी, वहां मौजूद धरन की लकड़ी, इत्यादि को सुरक्षित रखा गया है.