लाहौल-स्पीति : हिमाचल प्रदेश के लाहौल घाटी में आई बाढ़ के चलते 221 से अधिक लोग उदयपुर उपमंडल (Udaipur Sub Division) में विभिन्न जगहों पर फंसे हुए हैं. जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीम मिलकर लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है, लेकिन अभी भी फंसे लोगों को राहत नहीं मिल पाई है.
लाहौल घाटी में 221 लोग फंसे उदयपुर उपमंडल (Udaipur Sub Division) में फंसे लोगों में बाहरी राज्यों से 30 से अधिक पर्यटक शामिल हैं. इनमें कुछ महिलाएं व छोटे बच्चे भी शामिल हैं. इसके अलावा सब्जियों का कारोबार करने वाले व्यापारी भी अपने वाहनों के साथ ग्रामीण इलाकों में फंसे हुए हैं. जिला प्रशासन, डीसी व तकनीकी शिक्षा मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा (Technical Education Minister Dr Ramlal Markanda) लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं.
लाहौल घाटी में 221 लोग फंसे वहीं, बाहरी राज्यों से लाहौल पहुंचे पर्यटकों का कहना है कि बारिश और बाढ़ की वजह से वे यहां फंसे हुए हैं. स्थानीय लोगों की ओर से मदद मिली है, लेकिन यहां पर सभी लोग परेशान हैं. पर्यटकों ने सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
उदयपुर उपमंडल में विभिन्न जगहों पर फंसे हुए लोगों को लाहौल घाटी से बाहर निकालने के लिए प्रदेश सरकार से हेलीकॉप्टर की मदद मांगी गई है. हेलीकॉप्टर से प्राथमिकता के आधार पर महिलाओं और बच्चों का रेस्क्यू किया जाएगा. शुक्रवार को भी जिला का मौसम खराब बना हुआ है. जिसके चलते हेलीकॉप्टर के उड़ान भरने की संभावना भी काफी कम है.
डीसी लाहौल-स्पीति नीरज कुमार(Deputy Commissioner Lahaul Spiti Neeraj Kumar) का कहना है कि उदयपुर में फंसे हुए सभी पर्यटक सुरक्षित स्थानों पर है. उन्हें खाने-पीने की चीजें भी मुहैया करवाई गई हैं. जल्द ही सभी सड़क मार्ग को बहाल कर दिया जाएगा और यहां फंसे लोगों को घाटी से बाहर निकाल लिया जाएगा.
इसे भी पढ़ें :हिमाचल-उत्तराखंड में भूस्खलन, चंपावत में राजमार्ग पर फंसे 150 लोग
बता दें साकस नाले सहित दारचा से सरचू तक जगह-जगह सड़कें टूट गई हैं. तीन जगहों पर पुल बह गए हैं, वहीं, तोजिंग नाले के पास ट्रैफिक बहाल कर दिया गया, लेकिन शांशा पुल और जाहलमा पुल के बह जाने से ट्रैफिक सुचारू होने में समय लग सकता है.