लवीव : यूक्रेन के दो संकटग्रस्त शहरों से लोगों की निकासी के लिए बसें मंगलवार को सुरक्षित गलियारों से निकलीं, वहीं अधिकारियों ने कहा कि रूस के हमलों के बाद यूक्रेन छोड़कर जाने वाले लोगों की संख्या मंगलवार को 20 लाख पहुंच गयी. रूस के हमलों के बाद यूक्रेन के कुछ इलाकों में लोग फंस गये हैं जहां उनके पास खाना, पानी और दवाओं की कमी हो रही है. द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यह यूरोप में सबसे बड़ा युद्ध चल रहा है.
नये सिरे से हमलों के बीच निकासी मार्ग बनाने के पहले के प्रयास विफल होते दिखे थे. लेकिन यूक्रेन के अधिकारियों ने मंगलवार को कुछ वीडियो पोस्ट किए जिनमें लोगों से खचाखच भरी बसों को देखा जा सकता है. ये बसें पूर्वी शहर सूमी और अन्य इलाकों से बर्फ से ढकी एक सड़क पर चलती देखी जा सकती हैं. हालांकि यह अभी स्पष्ट नहीं है कि अभियान कितना लंबा चलेगा.
यूक्रेन की सरकारी संवाद एजेंसी ने ट्वीट किया कि यूक्रेन के सूमी शहर को ग्रीन कॉरिडोर प्रदान किया गया है, पहले चरण की निकासी शुरू. ये बसें यूक्रेन के दूसरे शहरों की ओर रवाना हुई हैं, लेकिन अधिकतर लोग देश छोड़कर ही जाना चाहते हैं.
संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय विस्थापन संगठन की प्रवक्ता सफा मसेहली ने ट्वीट किया कि 20 लाख लोग देश छोड़कर जा चुके हैं जिनमें कम से कम एक लाख लोग वो हैं जो यूक्रेन के नहीं हैं. रूसी विमानों ने रातभर पूर्वी और मध्य यूक्रेन के शहरों पर बम गिराए. यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि राजधानी कीव के उपनगरों में भी गोलाबारी हुई.
मेयर अनातोल फेदोरुक ने कहा कि हम भारी हथियारों से दिन-रात हो रही गोलाबारी के कारण शवों को एकत्रित भी नहीं कर पाए. शहर की सड़कों पर कुत्ते शवों को खींच रहे हैं. यह एक दु:स्वप्न है. यूक्रेन में मानवीय प्रयासों के लिए रूस के समन्वय केंद्र और यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री इरिना वेरेश्चुक दोनों ने कहा कि कुछ नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए मंगलवार की सुबह से संघर्ष-विराम शुरू होने पर सहमति बनी, लेकिन यह साफ नहीं है कि ये सभी कॉरिडोर कहां जाएंगे.