नई दिल्ली : इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कहा कि कोविड19 संक्रमण के कारण अब तक 1000 से अधिक चिकित्सकों की मौत हो गई है. मंगलवार को एक विशेष साक्षात्कार में ईटीवी भारत से बात करते हुए आईएमए अध्यक्ष डॉ जयलाल ने कहा कि वर्तमान दूसरी लहर ने अब तक 244 चिकित्सकों की जान ले ली है और यह संख्या नियमित आधार पर बढ़ रही है.
आईएमए अध्यक्ष ने बताया कि पिछले साल कोविड-19 महामारी की पहली लहर में देश भर के 756 डॉक्टरों और चिकित्सकों की मौत हुई थी.
डॉ जयलाल ने कहा कि इस तरह के हताहतों की रिपोर्ट पूरे भारत से आ रही है. हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि सरकार ने उन्हें शहीद के रूप में मान्यता नहीं दी है. आईएमए के आंकड़ों में कहा गया है कि 69 मौतों के साथ, बिहार डॉक्टरों की सबसे अधिक हताहत होने वाले राज्यों की सूची में सबसे आगे है. उसके बाद उत्तर प्रदेश में 34, दिल्ली में 27, आंध्र प्रदेश में 21. तेलंगाना में 19, महाराष्ट्र में 13, तमिलनाडु में 10 चिकित्सकों की मौत हो चुकी है. मृतक चिकित्सकों की आयु 25 वर्ष से 70 वर्ष के बीच है.
डॉ जयलाल ने आगे कहा कि वास्तविक संख्या अधिक हो सकती है, क्योंकि डॉक्टर एसोसिएशन अपने 3.5 लाख सदस्यों का रिकॉर्ड रखता है.
भारत में1,20,1354 एलोपैथिक और 7.88 लाख आयुष डॉक्टरों का समुदाय वर्तमान में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोविड19 रोगियों की सेवा कर रहा है. आईएमए के एक अनुमान के अनुसार, भारत की कुल हेल्थ वर्कर्स में से केवल 66 प्रतिशत को ही टीका लगाया गया है.
जयलाल ने कहा कि डॉक्टर्स कोविड रोगियों के इलाज के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं, लेकिन सरकार ने डॉक्टरों की सुविधा के लिए दोहरा रवैया अपनाया है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने डॉक्टरों सहित सभी सरकारी स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा के रूप में 50 लाख रुपये की घोषणा की है. दूसरी ओर सरकार ने उन सभी निजी चिकित्सकों के लिए कुछ नहीं किया, जो कोविड रोगियों का इलाज कर रहे हैं.