दक्षिण कन्नड़ : मोरल पुलिसिंग के नाम पर गुंडागर्दी का प्रचलन जिले में बढ़ता जा रहा है. पुलिस विभाग से मांग की जा रही है कि मोरल पुलिसिंग को रोकने के लिए साहसिक कार्रवाई की जाए.
जिले में मोरल पुलिसिंग की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. जैसे दो धर्मों के बीच एक बड़ी खाई पैदा करना, अन्य समुदाय के लोगों की सुरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी, जिले के लिए काला धब्बा है. हाल ही में एक संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए मोरल पुलिसिंग के कई मामले सामने आए हैं.
संगठन के आक्रोश का कारण यह है कि युवतियां दूसरे समुदाय के युवाओं के साथ बात करती हैं या संबंध बनाती हैं. गौ तस्करी और धार्मिक रूपांतरण के मामले में भी मोरल पुलिसिंग के केस सामने आए हैं.
मोरल पुलिसिंग की हाल की घटनाएं
1. मैंगलोर के मेडिकल के छात्र उडुपी की यात्रा पूरी करने के बाद मैंगलोर जा रहे थे. सूरथकल में ट्रैफिक पुलिस इंस्पेक्टर की मौजूदगी में कार रोकी गई और उन पर हमला किया गया.
2. इस गलतफहमी से कि मैंगलोर के एक घर में एक अजनबी धर्म परिवर्तन के लिए आया है. उन पर हमला कर दिया गया.
3. एक युवक जो नेल्याडी की यात्रा कर रहा था, उसने एक लड़की से बात की तो कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया.
4. एनआईटी के बीच पर बुर्का पहने एक युवती के साथ उस समय मारपीट की गई जब वह समुदाय के दूसरे लड़के से बात कर रही थी.
5. बेलतंगडी में कथित तौर पर गोमांस ले जाने के लिए उस व्यक्ति पर हमला किया गया था.
6. अलग-अलग समुदाय के जोड़े एक बस में बैंगलोर जा रहे थे, इसलिए उन्हें जबरन ज्योति बस स्टॉप पर बस से नीचे उतारा गया. इसके बाद युवक पर चाकू से वार कर युवती पर हमला किया गया.
7. उडुपी से मैंगलोर आ रहे एक छात्र ने बस में दूसरे सामुदायिक बस कंडक्टर से बात करने पर मारपीट की.
8. मुंबई जा रहे एक जोड़े को बस से जबरन मुदाबिद्री में उतारकर हमला किया गया.
9. जिले के लोग मांग कर रहे हैं कि पुलिस विभाग दक्षिण कन्नड़ जिले में मोरल पुलिसिंग को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करे.
डीवाईएफआई के अध्यक्ष मुनीर कटिपल्लाने कहा कि पुलिस विभाग को ऐसे मामलों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. अगर वे ढीली कार्रवाई करते हैं तो और अधिक बढ़ता जाएगा. बजरंग दल नेता पुनीत अट्टावराने कहा कि अगर ऐसी घटनाओं को रोकना है, तो लव जेहाद के खिलाफ कानून लाया जाना चाहिए और लागू किया जाना चाहिए. गौ तस्करी और धार्मिक रुपांतरण को रोकने के लिए पुलिस को कड़े कदम उठाने चाहिए.
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि युवाओं को थाना स्तर पर इस तरह की घटनाओं में शामिल नहीं होने के लिए कहा गया है. जो भी मुद्दे हैं उन्हें पुलिस विभाग के ध्यान में लाएं. हमने उन्हें कानून को अपने हाथ में नहीं लेने के लिए कहा है लेकिन ऐसी घटनाएं हो रही हैं. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कुछ सख्त धाराएं लगाना सबसे अच्छा है.