नई दिल्ली :नवीनतम संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान मॉडल दिशानिर्देश के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून के आठ जुलाई से पश्चिमी तट और इससे सटे पूर्व-मध्य भारत सहित दक्षिणी प्रायद्वीप में धीरे-धीरे फिर से सक्रिय होने का अनुमान है. वहीं दिल्ली में इस बार पिछले 15 साल का रिकॉर्ड टूट चुका है. यहां मानसून (monsoon) के 15 साल में सबसे अधिक देर से पहुंचने की उम्मीद है. इससे पहले 2006 में नौ जुलाई को मानसून दिल्ली पहुंचा था.
विभाग ने बताया कि 11 जुलाई के आसपास उत्तर आंध्र प्रदेश-दक्षिण ओडिशा तटों से सटे पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी पर कम दबाव का एक क्षेत्र बनने की संभावना है. बंगाल की खाड़ी से निचले स्तर पर नम पूर्वी हवाएं आठ जुलाई से पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में धीरे-धीरे चलने की संभावना है. इसके 10 जुलाई तक पंजाब और उत्तरी हरियाणा को कवर करते हुए उत्तर पश्चिम भारत में फैलने का अनुमान है.
विभाग ने कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के पश्चिम उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली के कुछ और हिस्सों में 10 जुलाई के आसपास आगे बढ़ने की संभावना है. उसने कहा कि इससे 10 जुलाई से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत में बारिश के लिए स्थितियां अनुकूल होने की संभावना है.
जून के पहले ढाई हफ्तों में अच्छी बारिश के बाद, दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 जून से आगे नहीं बढ़ा है. दिल्ली, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों, पंजाब, पश्चिमी राजस्थान में अभी मानसून का आना बाकी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने जुलाई के लिए अपने पूर्वानुमान में कहा कि इस महीने पूरे देश में अच्छी बारिश होगी. हालांकि, उत्तर भारत के कुछ हिस्सों, दक्षिण प्रायद्वीप के कुछ हिस्सों, मध्य, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम बारिश हो सकती है.
विभाग ने कहा कि सात जुलाई तक मानसून की प्रगति के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं हैं. इसके अनुसार, दक्षिण पश्चिम मानसून (एनएलएम) की उत्तरी सीमा वर्तमान में अलीगढ़, मेरठ, अंबाला और अमृतसर से गुजर रही है.