नई दिल्ली : मानसून सत्र 2023 के ग्यारहवें दिन यानी आज विपक्षी दलों के कई सांसदों ने राज्यसभा में नोटिस देकर नियम 267 के तहत मणिपुर मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की मांग की. बता दें, राज्यसभा का नियम 267 सभापति की मंजूरी से किसी जरूरी मामले पर बहस करने के लिए दिन के एजेंडे के नियमों को निलंबित करने की अनुमति देता है. कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डॉ. सैयद नसीर हुसैन, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और राजद के मनोज झा ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है.
हालांकि, केंद्र सरकार इस मुद्दे पर नियम 176 के तहत दो घंटे से अधिक की अल्पकालिक चर्चा आयोजित करने के लिए सहमत हो गया है, जिस पर विपक्ष का I.N.D.I.A गुट यह कहते हुए आपत्ति जता रहा है कि वे पूर्ण चर्चा चाहते हैं. इससे पहले दिन में, I.N.D.I.A ब्लॉक के विपक्षी सदस्यों ने नियम 267 के तहत मणिपुर हिंसा पर चर्चा और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के एक बयान की अपनी मांगों को लेकर बुधवार को राज्यसभा से बॉयकॉट किया. गुरुवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि नियम 176 के तहत मणिपुर हिंसा पर बहस 2.5 घंटे तक सीमित नहीं रहेगी.
उन्होंने कहा कि नियम 176 के तहत मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए कोई समय सीमा नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों को बात रखने का पूरा मौका दिया जा सकेगा. उन्होंने कहा कि मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत 60 नोटिस सौंपे गए थे लेकिन वह पहले ही अपना फैसला बता चुके हैं. मणिपुर पर बहस के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी की विपक्ष की मांग पर सभापति ने कहा कि वह कोई निर्देश जारी नहीं कर सकते. उन्होंने कहा कि मैं निर्देश जारी नहीं कर सकता... मैं नहीं करूंगा.