नई दिल्ली:कांग्रेस ने महंगाई, बेरोजगारी और कई खाद्य वस्तुओं को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के दायरे में लाए जाने के खिलाफ शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन किया. इस दौरान दिल्ली में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा समेत उसके 60 से अधिक सांसदों तथा 300 से ज्यादा नेताओं-कार्यकर्ताओं को छह घंटे तक हिरासत में रखा गया.
महंगाई के खिलाफ कांग्रेस का ब्लैक फ्राइडे दिल्ली में कांग्रेस सांसदों के मार्च की अगुवाई से पहले राहुल गांधी ने महंगाई, बेरोजगारी और सामाजिक हालात को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार पर तीखा प्रहार किया और दावा किया कि भारत में लोकतंत्र की मौत हो रही है तथा सिर्फ चार लोगों की तानाशाही है. कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल हुए नेताओं ने काले रंग के कपड़े पहन रखे थे. राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस सांसदों ने संसद भवन से राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकाला. हालांकि, पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक दिया और हिरासत में ले लिया.
कांग्रेस का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कांग्रेस ने महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की थी. इसके तहत कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्यों एवं पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की प्रधानमंत्री आवास का 'घेराव करने' की योजना थी. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा भी प्रधानमंत्री आवास के घेराव के कार्यक्रम में शामिल होने के लिए ‘24 अकबर रोड’ स्थित कांग्रेस मुख्यालय पहुंचीं, जहां से उन्हें हिरासत में ले लिया गया.
काले रंग की सलवार-कमीज और दुपट्टा पहने प्रियंका पार्टी मुख्यालय के सामने पुलिस द्वारा लगाए गए अवरोधक को लांघकर दूसरी तरफ पहुंचीं और सड़क पर धरने पर बैठ गईं. कुछ देर बाद पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. संसद भवन से पार्टी सांसदों का मार्च शुरू होने से पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इसमें थोड़ी देर के लिए शामिल हुईं.
कांग्रेस का कहना है कि हिरासत में लिए गए नेताओं को छह घंटे बाद रिहा किया गया. ज्यादातर नेताओं को पुलिस लाइन किंग्सवे कैम्प में रखा गया था. दिल्ली पुलिस ने कहा था कि महंगाई समेत अन्य मुद्दों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस के 300 से अधिक कार्यकर्ताओं और 65 सांसदों को हिरासत में लिया. बाद में इनको रिहा कर दिया गया.
देश के कई अन्य राज्यों में भी कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने महंगाई एवं बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन किया. चंडीगढ़ और कुछ अन्य शहरों में पुलिस ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का उपयोग किया.
दिल्ली में प्रदर्शन का नेतृत्व करने से पहले राहुल गांधी ने संवाददाताओं से कहा,‘‘हिंदुस्तान में लोकतंत्र की मौत हो रही है. जो इस देश ने 70 साल में बनाया, उसे आठ साल में खत्म कर दिया गया. आज देश में लोकतंत्र नहीं है. आज चार लोगों की तानाशाही है. पूरा देश इसे जानता है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम महंगाई, बेरोजगारी, समाज में हिंसा की स्थिति का मुद्दा उठाना चाहते हैं. हमें संसद के बाहर और भीतर बोलने नहीं दिया जाता है. सरकार दो-तीन बड़े उद्योगपतियों के हित में काम कर रही है.’’
एक सवाल के जवाब में कांग्रेस नेता ने कहा, 'मैं जितनी सच्चाई बोलूंगा, उतना मेरे ऊपर आक्रमण होगा. मेरी समस्या है कि मैं सच्चाई बोलता हूं. मैं महंगाई, बेरोजगारी का मुद्दा उठाऊंगा. जो डरता है, वही धमकाता है.' एक अन्य सवाल पर उन्होंने कहा, 'हिटलर भी चुनाव जीत कर आया था...हिटलर चुनाव ऐसे जीतता था कि जर्मनी की सारी संस्थाएं उसके हाथ में थी... मुझे पूरा का पूरा ढांचा दे दें, फिर मैं दिखाऊंगा चुनाव कैसे जीता जाता है.'
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया, 'पिछले तीन महीनों से जब से कांग्रेस अध्यक्ष ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक 'भारत जोड़ो' यात्रा की घोषणा की है, धमकी-जीवी ने कांग्रेस पार्टी एवं हमारे नेताओं के खिलाफ प्रतिशोध और डर की जहरीली राजनीति तेज कर दी है. यह सिर्फ संयोग नहीं है.'
प्रदर्शन की अनुमति नहीं
दिल्ली पुलिस ने नई दिल्ली जिले में निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला देते हुए आज राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. कांग्रेस ने मूल्य वृद्धि, बेरोजगारी और आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी बढ़ाए जाने के खिलाफ पांच अगस्त को बड़े पैमाने पर विरोध की योजना बनाई है. प्रदर्शन के तहत कांग्रेस राष्ट्रपति भवन तक मार्च निकालेगी और प्रधानमंत्री आवास का ‘घेराव’ करेगी.
हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही बाधित
महंगाई सहित विभिन्न मुद्दों पर कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण शुक्रवार को लोकसभा की बैठक शुरू होने के करीब 25 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गयी. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा कि उनका यह व्यवहार उचित नहीं है. पूर्वाह्न 11 बजे बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ने सिक्किम से 13वीं लोकसभा में सदस्य रहे भीम प्रसाद दहल के निधन की जानकारी दी. उन्होंने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में 77 साल पहले अमेरिका द्वारा परमाणु बम गिराये जाने की घटना का भी उल्लेख किया.
सदन ने दिवंगत पूर्व सदस्य दहल और हिरोशिमा तथा नागासाकी पर परमाणु बम हमलों में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि देने के लिए कुछ पल का मौन रखा. इसके बाद अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू कराया. इस दौरान विपक्षी दलों के सदस्य आसन के निकट आकर नारेबाजी करने लगे. हंगामे के बीच ही स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया और स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ने कुछ सदस्यों के पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिये. विपक्षी सदस्यों का हंगामा तेज होने पर अध्यक्ष बिरला ने उन्हें अपनी सीटों पर जाने और कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया.
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बिरला ने हंगामा कर रहे सदस्यों से कहा, यह संसद है. आपको जनता के मुद्दों को उठाने के लिए चुनकर भेजा गया है. आप प्रश्नकाल में व्यवधान करते हैं. सदन नहीं चलाना चाहते. जनता चाहती है कि सदन चले. आप मुद्दों पर चर्चा नहीं चाहते, नारेबाजी करने आते हैं. उन्होंने कहा, आपका यह व्यवहार उचित नहीं लगता. दुनिया आपको देख रही है. मैं आपसे पुन: आग्रह करुंगा कि अपनी सीटों पर जाइए. प्रश्नकाल के बाद आपको नियम प्रक्रियाओं के तहत आपके विषय उठाने की अनुमति दूंगा, हालांकि हंगामा नहीं थमने पर लोकसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही शुरू होने के करीब 25 मिनट बाद दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.