हैदराबाद:सोमवार यानी 19 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session 2021) को लेकर जहां एक ओर केंद्र सरकार तैयार है. वहीं विपक्ष भी एकजुट होकर सरकार को घेरने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रखने वाला है. इसको लेकर प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर बीते दिनों बैठक भी हुई जिसमें मानसून सत्र में सरकार को घेरने को लेकर व्यापक रणनीति पर चर्चा हुई. ऐसे में आइए जानते हैं कि मानसून सत्र में ऐसे कौन से मुद्दे होंगे, जिन पर विपक्ष के सामने मोदी सरकार (Modi government) को अग्नि परीक्षा देनी होगी...
कोरोना की दूसरी लहर में केंद्र सरकार की कार्यशैली
कोरोना की दूसरी लहर (Second Wave Of Corona) बजट सत्र की समाप्ति के बाद आई और इससे बचाव को लेकर केंद्र सरकार की प्रबंधन शैली में लापरवाही को लेकर कड़ी आलोचना हुई. इस दौरान ऑक्सीजन की कमी का संकट अपने चरम पर रहा, क्योंकि कई राज्य अस्पतालों को पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए संघर्ष कर रहे थे. साथ ही कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति में ढीलाशाही भी एक प्रमुख मुद्दा रहा, क्योंकि ऐसा तब हो रहा था, जब ये माना जा रहा था कि दूसरी लहर जरूर आएगी. ऐसे में विपक्ष संभावित तीसरी लहर के लिए केंद्र सरकार की तैयारी पर सवाल उठा सकता है.
राफेल सौदा
राफेल सौदे (Rafale Deal) के मुद्दे पर विपक्षी दल मोदी सरकार को घेर सकते हैं. कांग्रेस पार्टी पहले से ही जेपीसी जांच की मांग कर रही है. फ्रांसीसी मीडिया ने रिपोर्ट है कि राष्ट्रीय वित्तीय अभियोजक कार्यालय (पीएनएफ) ने 2016 में भारत के साथ मल्टी मिलियन डॉलर राफेल सौदे में भ्रष्टाचार और पक्षपात के संदेह की जांच के लिए एक न्यायाधीश नियुक्ति हुई है. यह मुद्दा आगामी मानसून सत्र में सदन की कार्यवाही पर जरूर हावी रहेगा.
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में तेजी
पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि (Petrol and diesel price hike) भी एक प्रमुख मुद्दा होगा, क्योंकि प्रमुख शहरों में पेट्रोल 100 अंक को पार कर गया है. यह आम लोगों के बजट को प्रभावित कर रहा है, क्योंकि कीमतों में वृद्धि से आम आदमी को खासी परेशानी हो रही है.
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