नई दिल्ली :कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एम वीरप्पा मोइली ने रविवार को कहा कि कुछ नेताओं ने जी-23 (23 असहमत नेताओं का समूह) का 'दुरुपयोग' किया और कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति अब भी इस समूह के बने रहने का समर्थन करता है तो यह 'निहित स्वार्थ' के लिए होगा क्योंकि सोनिया गांधी के नेतृत्व में पार्टी में सुधार पहले ही शुरू हो चुका है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर को कांग्रेस में शामिल किए जाने का भी पुरजोर समर्थन किया और कहा कि उनको पार्टी में लेने का विरोध करने वाले 'सुधार विरोधी' हैं.
पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में, मोइली ने जी-23 समूह को कायम रखने का विरोध किया. मोइली उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी. उन्होंने कहा, 'हममें से कुछ लोगों ने इस पत्र पर हस्ताक्षर केवल पार्टी के अंदर सुधारों के लिए और उसके पुनर्निर्माण के लिए किए थे, इसे बर्बाद करने के लिए नहीं.'
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने किसी का नाम लिए बिना कहा, कुछ लोगों ने जी-23 का दुरुपयोग किया. सोनिया जी ने जैसी ही पार्टी के भीतर सुधार करने का विचार किया और वह भी जमीनी स्तर से, तब से हमने जी-23 की अवधारणा को नकार दिया.
उन्होंने कहा कि पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में सुधारों की शुरुआत होने के साथ ही जी-23 की 'कोई भूमिका नहीं रह गई और वह अप्रांसगिक हो गया है.'
मोइली ने कहा, 'अगर वे (कुछ नेता) इसपर (जी-23 के साथ) कायम रहते हैं तो इसका मतलब है कि उनमें से कुछ का कांग्रेस पार्टी के खिलाफ काम करने का निहित स्वार्थ है, जोकि हम नहीं सोचते और असल में इसका विरोध करते हैं.'
उन्होंने कहा कि कोई भी अगर जी-23 का फिर से इस्तेमाल करता है तो वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसकी विरासत का बहुत बड़ा नुकसान कर रहा है. साथ ही कहा कि ऐसे कार्य कांग्रेस के दुश्मनों की मदद करेंगे.
मोइली की इन टिप्पणियों का महत्व इसलिए है क्योंकि जी-23 के कई नेताओं ने या तो इससे दूरी बना ली है या पिछले साल उनके द्वारा लिखे गए पत्र के बाद चुप हो गए हैं. सोनिया गांधी को पत्र लिखने वाले 23 नेताओं के उस समूह में से जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए हैं.
जी -23 में शामिल कुछ नेता हाल ही में कपिल सिब्बल के आवास पर सामाजिक समारोहों में एक साथ नजर आए थे और कथित तौर पर पार्टी के मुद्दों पर चर्चा की थी. एक समारोह में सिब्बल ने कई विपक्षी नेताओं को भी अपने आवास पर आमंत्रित किया था.
मोइली ने कहा कि पार्टी की 'बड़ी सर्जरी', जिसकी वह संगठन को पुनर्जीवित करने के लिए जरूरत बता रहे थे, उस पर सोनिया गांधी पहले से ही विचार कर रही थीं.
उन्होंने कहा, वह (सोनिया गांधी) सक्रिय हैं और फैसले ले रही हैं, ऐसे फैसलों की जरूरत है।” साथ ही कहा कि वह पार्टी अध्यक्ष की ओर से उठाए गए कदमों से खुश हैं.
किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर मोइली ने कहा कि यह सही होगा कि वह कांग्रेस में शामिल हों और भीतर से सुधारों को लागू करें.
मोइली ने कांग्रेस में किशोर के शामिल होने का विरोध कर रहे पार्टी के लोगों से ऐसा नहीं करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि ऐसा देश और कांग्रेस के लिए जरूरी है कि पार्टी में सुधार हो और कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी की मंशा भी यही है.
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी किशोर को शामिल करने पर अंतिम फैसला लेंगी और इस मुद्दे पर कई वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा कर चुकी हैं.