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Mohan Bhagwat on Hindu Rashtra : आप स्वीकार करें या नहीं, पर तथ्य यह है कि भारत हिंदू राष्ट्र है'

भारत एक हिंदू राष्ट्र है, इसे आप स्वीकार करें या न स्वीकार करें, लेकिन यह एक तथ्य है. ये बातें आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कही. वे नागपुर में एक कार्यक्रम के दौरान बोल रहे थे.

Mohan Bhagwat, File Photo
मोहन भागवत, आरएसएस चीफ, फाइल फोटो

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 1, 2023, 5:57 PM IST

नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और देश की एक बड़ी आबादी इस अवधारणा में दृढ़ता से विश्वास करती है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस तथ्य को नहीं समझते हैं. इसे स्वीकार करने से इनकार करते हैं. लेकिन, तथ्य यह है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और महत्वपूर्ण लोग इसे स्वीकार करते हैं.

आरएसएस प्रमुख नागपुर में श्री नरकेसरी प्रकाशन लिमिटेड के एक नए कार्यालय के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे, जो आरएसएस के मराठी दैनिक तरुण भारत को प्रकाशित करता है. आरएसएस प्रमुख ने कहा कि लोगों का एक वर्ग अपने स्वार्थी उद्देश्यों के लिए भारत को एक हिंदू राष्ट्र के रूप में स्वीकार नहीं कर सकता है. यह हिंदू संस्कृति वाली एक हिंदू भूमि है, जहां हर किसी का एक बंधन है."

“हिंदुस्तान (भारत) एक हिंदू राष्ट्र है और यह एक सच्चाई है। वैचारिक रूप से सभी भारतीय हिंदू हैं और हिंदू का मतलब सभी भारतीय हैं. वे सभी जो आज भारत में हैं, वे हिंदू संस्कृति, हिंदू पूर्वजों और हिंदू भूमि से संबंधित हैं, इनके अलावा किसी और चीज से नहीं.”

अखबार के कार्यालय में सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि रिपोर्टिंग में सभी को शामिल किया जाना चाहिए और अपनी विचारधारा को बरकरार रखते हुए निष्पक्ष और तथ्यों पर आधारित होना चाहिए. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस भी भागवत और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ मंच पर शामिल हुए. फडणवीस ने मीडिया के प्रभाव का हवाला देते हुए इसके लिए उचित विचारों का प्रचार करना आवश्यक बताया.

फडनवीस ने कहा कि मीडिया को सामाजिक चेतना बढ़ाने के लिए काम करना चाहिए. मीडिया से अपेक्षा की जाती है कि वह नागरिकों के विचारों में सकारात्मकता लाए और नकारात्मकता को खत्म करने का लक्ष्य रखे. समारोह में मुख्य अतिथि रहे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि समावेशिता एक अखबार की पहचान होनी चाहिए. पाठक ऐसे मीडिया को पसंद करते हैं जो वैचारिक पहचान के साथ-साथ समावेशी हो.

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(आईएएनएस)

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