लुधियाना: नौजवान अनुज सैनी अपनी मोडिफाइड बाईक्स की वजह से विदेशों तक छा गये हैं. अनुज की तरफ से मोडिफाइड की गई बाईकस की बालीवुड, क्रिकेट की दुनिया और साउथ इंडियन फिल्म इंडस्ट्री भी दीवानी है. देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अनुज की बाइक के लोग दिवाने हैं. इनके Modified bikes की कीमत महिंद्रा थार से भी ज्यादा है. एक-एक बाइक 25-25 लाख में तैयार हो रही है.
कनाडा, अमेरिका, दुबई तक इस नौजवान के गैरेज में बनीं बाईकों के लोग दीवाने हो चुके हैं. अनुज सैनी लुधियाना के रहने वाले हैं और 11 साल पहले उन्होंने इस काम की शुरुआत की थी. यहां तक कि उन्होंने अपने गैरेज का कोई नाम नहीं रखा है. सोसल मीडिया के वीडियो देखकर उनके पास अपने आप ही आर्डर आ जाते हैं. इस गैरेज में कोई ऐसी महंगी बाइक नहीं जो खुली न हो. चाहे वह हारले डेविडसन हो या फिर और विदेशी मोटरसाईकल हर किसी को अलग रंग रूप देने में अनुज सैनी माहिर हैं.
फार्मेसी से बाइक तक का सफर: अनुज सैनी ने बताया कि उनके परिवार में सभी ही डाक्टरी पेशे में हैं. उनके माता-पिता उनकी बहन और जीजा भी डाक्टरी लाईन में हैं. वे भी फार्मेसी से जुड़े रहे हैं. यही नहीं इस क्षेत्र के में उन्होंने कई साल नौकरी भी की परन्तु वह अपने शौक को नहीं भूला सके. जिसने उन्हें अब नई बुलन्दियों पर पहुंचा दिया है. अनुज ने बताया कि कोरोना काल से पहले उनका काम बढ़िया चल पड़ा था लेकिन कोरोना के दौरान लोगों ने अपने शौक को पीछे छोड़कर दूसरे कामों पर ध्यान देना शुरू कर दिया. हालांकि अब फिर से उनके पास ऑर्डर आ रहे हैं. वह पूरे भी नहीं कर पा रहे हैं. अनुज ने इसका प्रशिक्षण किसी से नहीं लिया है. कोई मकैनिकल इंजनियरिंग नहीं की है और न ही उनके परिवार में से किसी ने यह काम किया है.
बचपन के शौक को बनाया पेशा:अनुज सैनी ने बताया कि उन्हें बचपन से बाईक्स की तरफ आकर्षण था. बताया कि जब वह फार्मेसी कर रहे थे तो अपने के लिए एक बाइक तैयार की थी. उनके परिवार को लगा कि अब बस यह यहां ही रुक जायेगा. परन्तु सोसल मीडिया पर उनकी बाइक को इतना ज्यादा पसंद किया गया कि उन्हें ऑर्डर मिलने लगे. अनुज ने बताया कि सबसे पहले उनकी बहन ने उसकी मदद की. वह सरकारी नौकरी करती हैं और परिवार भी अब उसे सपोर्ट करने लगा है.
18 हजार से शुरू किया काम:अनुज सैनी ने बताया कि उन्होंने 18 हजार रुपए से अपना करियर शुरू किया था. इस वक्त उनके गैरेज के में करोड़ों रुपए की कीमत की बाइक्स हैं. बताया कि उसकी बहन की सरकारी नौकरी लगी और उसने अपनी दूसरी सेलरी गैरेज खोलने के लिए दी. उस दिन के बाद उसने पीछे वापस मुड़कर नहीं देखा. बताया कि वह नौकरी भी करता रहा परन्तु किसी की गुलामी सही नहीं गई. वह अपनी बाईक्स की तरह आजाद होकर तेज रफ्तार पकड़ना चाहता था.