सागर। एमपी के सागर में जिस जगह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संत रविदास के मंदिर और संग्रहालय का भूमि पूजन करने आ रहे हैं. उस जगह पर एक आदिवासी महिला गुड्डी ने अपना दावा किया है. महिला का कहना है कि उसके पिताजी इस जमीन पर खेती किया करते थे और उनकी मौत के बाद बेटा ना होने के कारण जमीन मुझे मिल गई थी. मेरा परिवार पिछले 40 साल से जमीन पर काबिज है और सरकार की योजना है कि आदिवासी जहां काबिज है, वहां उनको पट्टा दिया जाए, लेकिन मुझे बेदखल कर दिया गया है. महिला का कहना है कि "सरकार को मंदिर बनाना है, बनाए लेकिन मुझे दूसरी जगह जमीन के एवज में जमीन दे. हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि यह सरकारी जमीन है और महिला का कहना है कि जमीन पर उसका किसी तरह का कब्जा नहीं है, उसे मंदिर को लेकर कोई विरोध नहीं है." खास बात यह है कि दावा करने वाली महिला गुरुवार को अचानक गायब हो गई और देर रात जनसंपर्क विभाग द्वारा महिला का एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें उसने मंदिर निर्माण पर सहमति जताई है.
क्या है मामला: दरअसल रविदास जयंती के अवसर पर 8 फरवरी को सागर आए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सागर में 100 करोड़ की लागत से 11 एकड़ में रविदास मंदिर बनाने का ऐलान किया था. इस मंदिर का भूमि पूजन 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले हैं. मंदिर के लिए जो जगह चयनित की गई है, उस जगह पर एक आदिवासी महिला ने दावा ठोका है. गुड्डी आदिवासी नाम की इस महिला का दावा है कि "मंदिर के लिए चयनित की गई 11 एकड़ जमीन में से 3 एकड़ जमीन उसकी है. महिला का दावा है कि उसके पिता पंचे सौर (आदिवासी) चार पीढ़ी से जमीन पर खेती करते थे. जब उनकी मौत हुई थी तो बेटा ना होने के कारण जमीन मुझे मिल गयी. मैंने जमीन के पट्टे के लिए कई बार आवेदन किया, लेकिन मुझे पट्टा नहीं दिया गया. जमीन पर मेरे परिवार का करीब 70-80 साल से कब्जा है और पिता की मौत के बाद मैं खेती कर रही थी. मुझे पता चला है कि इसी जमीन पर मंदिर बनाया जा रहा है. यहीं पर विधायक प्रदीप लारिया की जमीन है. वहां मंदिर क्यों नहीं बना रहे हैं. मेरा कहना है कि या तो मुझे किसी दूसरी जगह पर जमीन दी जाए या फिर मेरी जमीन पर मंदिर ना बनाया जाए.