नई दिल्ली : कांग्रेस ने किसान संगठनों की ओर से आंदोलन स्थगित करने के बाद गुरुवार को कहा कि एक साल तक चले आंदोलन में नरेंद्र मोदी सरकार के अहंकार की हार हुई और प्रजातंत्र की जीत हुई.
मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि यह संघर्ष की शुरुआत भर है और आगे न्यूनतम समर्थन मूल्य, आंदोलन में जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे, किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के वादे और गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा की बर्खास्तगी की मांग को लेकर लड़ाई जारी रखनी है.
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला (Congress spokesperson Randeep Singh Surjewala ) ने संवाददाताओं से कहा, 'दिल्ली की सीमाओं पर 378 दिनों के सतत संघर्ष के बाद देश के अन्नदाताओं को मिली विजय के लिए करोड़ों किसानों व खेतिहर मजदूरों को हार्दिक बधाई. किसान आंदोलन ने महात्मा गांधी जी के सिद्धांत को अक्षरशः सही सिद्ध किया है कि जनतंत्र की असली शक्ति जनता में निहित है. समकालीन विश्व इतिहास में ऐसा अनुशासित, मर्यादित और मुद्दों पर आधारित आंदोलन देखने में नहीं आया. किसान संगठनों का नेतृत्व भी बधाई और साधुवाद का पात्र है.'
कांग्रेस महासचिव ने कहा, 'आज हम कह सकते हैं कि प्रजातंत्र के नए युग की शुरुआत हुई है और मोदी सरकार की हार में ही जनहित की जीत है.' उनके मुताबिक, 'अभी संघर्ष की शुरुआत हुई है. यह संघर्ष किसानों को उपज का केवल न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं, बल्कि 'लाभकारी मूल्य' दिलाने का है, किसान की आय साल 2022 तक दोगुनी करने का वादा पूरा कराना है, किसान-खेतिहर मजदूरों को जानलेवा कर्ज मुक्ति के बंधन से आजाद करवाने का है.'
उन्होंने आरोप लगाया, 'यह संघर्ष किसानों को एमएसपी का अधिकार देने का है. मोदी जी ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था. लेकिन एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक किसानों की आय कम हुई है.'