नई दिल्ली :अमेरिका में राष्ट्रपति पद के लिए द्वेशपूर्ण दौड़ के परिणाम चाहे जो हो दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के साथ भारत के व्यापार और सुरक्षा संबंध अप्रभावित रहेंगे, लेकिन यदि डेमोक्रेट्स जीत जाते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को अल्पसंख्यक अधिकारों के मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में उनके मीडिया सलाहकार रहे संजय बारू का यह कहना है.
पूर्व पत्रकार व घरेलू और अंतरराष्ट्रीय राजनीति की गहरी समझ रखने वाले पर्यवेक्षक संजय बारू जैसे विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में चुनाव के परिणाम की परवाह किए बिना नीति में निरंतरता बनी रहेगी, विशेष रूप से सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों को लेकर क्योंकि भारत को अमेरिका में इन क्षेत्रों में दोनों दलों का समर्थन प्राप्त है. बारू ने ईटीवी भारत को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा कि अगर ट्रंप जीत जाते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ बहुत सहजता के साथ गुजरेगा, क्योंकि दोनों ने अमेरिका के साथ रिश्ते मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए हैं. यहां तक कि हाल में टू प्लस टू की बैठक भी स्वीकार कर ली.
हालांकि, वह बताते हैं कि अगर जो बाइडेन की जीत होती है तो रिश्ते बनाने के लिए कुछ प्रयास करने की जरूरत होगी, क्योंकि कुछ डेमोक्रेट अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार और मानवाधिकार रिकॉर्ड को लेकर मोदी सरकार से खुश नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि कई डेमोक्रेट हैं जो देश में मोदी सरकार जिस तरह से कामकाज कर रही है. उससे बहुत खुश नहीं हैं. मानवाधिकार के सवाल अल्पसंख्यकों के साथ बर्ताव, ये सभी मुद्दे हैं जो सामने आएंगे और हमें उनका अपने स्तर से निवारण करना होगा. बाइडेन मानवाधिकारों को लेकर भारत के रिकॉर्ड की अनदेखी नहीं करेंगे. बारू ने कहा कि मुझे लगता है कि संयुक्त राज्य अमेरिका के दृष्टिकोण में एक अंतर होगा, जहां ट्रंप भारत में मानवाधिकार के मुद्दे और अल्पसंख्यको से बर्ताव के मुद्दे में से कुछ की अनदेखी करने के लिए तैयार थे, बाइडेन इन मुद्दों की उपेक्षा नहीं करेंगे.