नई दिल्ली :कांग्रेस ने शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर आम आदमी की समस्याओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया. कांग्रेस ने कहा कि सरकार को अपना 'अहंकार' छोड़कर पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस (एलपीजी) पर लगाए गए करों को कम करना चाहिए.
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक सिंघवी ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार को पेट्रोल और डीजल पर क्रमश: 23.78 रुपये और 28.37 रुपये प्रति लीटर के अतिरिक्त करों को तुरंत हटाना चाहिए. इससे ईंधन की कीमतों को नीचे लाने में मदद मिलेगी.
उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों पर करों को कम करने के लिए सरकार से अपील करते हुए गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयानों को उद्धृत किया. उन्होंने कहा कि महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में आयी गिरावट के बीच आम आदमी पहले से ही बढ़ती मुद्रास्फीति और बेरोजगारी से परेशाना है.
सिंघवी ने कहा कि प्रधानमंत्री कांग्रेस की मांग को दरकिनार कर सकते हैं, लेकिन उन्हें कम से कम अपने उन बयानों को याद करना चाहिए जो, उन्होंने केंद्र में संप्रग शासन के दौरान गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में दिया था. कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की सलाह पर भी गौर करना चाहिए कि ईंधन की बढ़ती कीमतों का व्यापक प्रभाव होगा.
संप्रग शासन के दौरान मोदी के बयानों का जिक्र करते हुए सिंघवी ने कहा, कांग्रेस और देश का आपसे आग्रह है कि संप्रग कार्यकाल के दौरान पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने के लिए आप अपनी खुद की आवाज सुनें.
उन्होंने पेट्रोल और डीजल पर से कर हटाने को लेकर दुविधा में होने संबंधी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बयान को लेकर उन पर भी निशाना साधा. सिंघवी ने सवाल किया, कौन सा धर्म संकट और बाधा है कि वित्त मंत्री भी कर में कमी नहीं कर पा रही हैं. क्या प्रधानमंत्री उन्हें ऐसा करने से रोक रहे हैं?
सिंघवी ने कहा कि यह 'शर्मनाक' है कि मई 2014 से कच्चा तेल 39.2 प्रतिशत सस्ता है, जबकि मोदी सरकार में पेट्रोल और डीजल क्रमश: 27.5 और 42.2 प्रतिशत महंगा है. यह 'उलटा चलन' है जहां वैश्विक दरें घट रही हैं, लेकिन घरेलू कीमतें बढ़ रही हैं. सिंघवी ने दावा किया कि इस सरकार ने पिछले 20 दिनों में 14 बार पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि की.